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कुछ खास हाइ स्कूलों में नामांकन के लिए मची मारामारी

मालदा. मालदा शहर में इन दिनों पांचवीं कक्षा में ही बच्चों का नामांकन कुछ खास हाई स्कूल में करा देने के लिए अभिभावकों में मारामारी की स्थिति देखी जा रही है. इसकी वजह से शहर के अन्य स्कूलों में छात्र-छात्राओं की कमी देखी जा रही है. दूसरी तरफ कुछ हाई स्कूलों में बच्चों का बोझ […]

मालदा. मालदा शहर में इन दिनों पांचवीं कक्षा में ही बच्चों का नामांकन कुछ खास हाई स्कूल में करा देने के लिए अभिभावकों में मारामारी की स्थिति देखी जा रही है. इसकी वजह से शहर के अन्य स्कूलों में छात्र-छात्राओं की कमी देखी जा रही है. दूसरी तरफ कुछ हाई स्कूलों में बच्चों का बोझ बढ़ने से पठन-पाठन में भी समस्या उत्पन्न हो रही है.

शहर के गिनती के ही कुछ हाई स्कूल हैं. शिक्षकों का आरोप है कि कई बार तो स्थानीय नेता पांचवीं कक्षा में नामांकन के लिए दबाव डालते हैं. ऐसे मामले में कई तृणमूल नेताओं का नाम सामने आया है. शिक्षकों का कहना है कि इस तरह के मामले में तृणमूल नेताओं को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. इसके अलावा अभिभावकों को भी थोड़ा संयम रखने की आवश्यकता है. इस मामले में मालदा जिला माध्यमिक विद्यालय निरीक्षक आशीष चौधरी ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में पांचवीं कक्षा के दौरान ही बच्चों का नामांकन हाई स्कूल में करा देने की प्रवंता अभिभावकों में बढ़ी है. शहर में सभी स्कूलों में एक जैसी ही पढ़ाई होती है.

किसी भी स्कूल में अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन करा सकते हैं. शिक्षा विभाग की ओर से अभिभावकों को समझाने की कोशिश भी की गई है. लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ है. अभिभावक कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं हैं. वह किसी भी तरह से अपने बच्चे का नामांकन हाई स्कूल में करा देना चाहते हैं. शिक्षा विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मालदा शहर में करीब तीस हाई स्कूल है. इसके अलावा दस जूनियर हाई स्कूल है, जहां आठवीं तक पढ़ाई होती है. रामकृष्ण विवेकानंद विद्या मंदिर, ललित मोहन श्याम मोहिनी उच्च विद्यालय, अकरूर मणि हाई स्कूल, मालदा जिला स्कूल, बारला बालिका उच्च विद्यालय, चिंतामणि उच्च विद्यालय आदि में पांचवीं कक्षा में ही अपने बच्चों का नामांकन अभिभावक करा देना चाहते हैं.


दूसरी तरफ उमेश चन्द्र वास्तुहारा उच्च विद्यालय, टाउन हाई स्कूल बादलमणि, रेल हाई स्कूल, विभूति भूषण हाई स्कूल, धीरेन साहा विद्यालय, निवेदिता गर्ल्स हाई स्कूल, शांतिसेन हाई स्कूल, जलालिया हाई स्कूल, मालंचपल्ली हाई स्कूल तथा रामकिंकर बालिका विद्यालय सहित कई स्कूलों में छात्रों की कमी देखी जा रही है.

इन स्कूलों में अभिभावक अपने बच्चे का नाम नहीं कराना चाहते. दूसरी तरफ अभिभावकों का कहना है कि शहर के कुछ ही हाई स्कूलों में पढ़ाई अच्छी होती है. आंख के सामने अपने बच्चों का भविष्य अंधकार में नहीं होने देना चाहते.

इसी वजह से उसी स्कूल में नामांकन कराते हैं, जहां पढ़ाई अच्छी होती है. शहर के विवेकानंद विद्या मंदिर, ललित मोहन अकरूर मणि स्कूल, मालदा जिला स्कूल, बारला हाई स्कूल आदि में पांचवीं कक्षा में 80 से लेकर 100 बच्चों को ही पढ़ाने की ढांचागत सुविधा है. उसके बाद भी इससे अधिक बच्चों का नामांकन करना पड़ रहा है. इन स्कूलों के प्रधान शिक्षक सुब्रत मजूमदार, गोलाम मुस्तफा एवं चंचल झा ने बताया कि इतने बड़े पैमाने पर छात्र-छात्राओं की भरती से कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. शिक्षकों एवं कर्मचारियों की संख्या सीमित है. उसके बाद भी अभिभावक एवं उनके समर्थन में नेता नामांकन के लिए दबाव बनाते हैं, जो सही नहीं है.

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