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ममता की चिट्ठी का असर नहीं

मालदा. मालदा आम तथा रेशम का विदेशों में निर्यात नहीं होने पर राज्य के खाद्य प्रसंस्करण तथा उद्यान पालन मंत्री कृष्णोंदु चौधरी ने चिंता जतायी है. उन्होंने इस मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि आखिर किस वजह से मालदा के आम तथा रेशम का निर्यात बंद है. वह यहां […]

मालदा. मालदा आम तथा रेशम का विदेशों में निर्यात नहीं होने पर राज्य के खाद्य प्रसंस्करण तथा उद्यान पालन मंत्री कृष्णोंदु चौधरी ने चिंता जतायी है. उन्होंने इस मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि आखिर किस वजह से मालदा के आम तथा रेशम का निर्यात बंद है. वह यहां केंद्र सरकार के विदेश वाणिज्य विभाग तथा पूर्वाचल फेडरेशन इंडिया एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.
मालदा के टाउन हॉल में आयोजित इस कार्यशाला में दोनों ही संगठनों के कई अधिकारी उपस्थित थे. यहां उल्लेखनीय है कि राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शीघ्र ही लंदन जाने वाली हैं. ऐसे में मालदा में इस तरह के कार्यशाला का आयोजन अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है. इस कार्यशाला का उद्घाटन मंत्री कृष्णोंदु चौधरी ने किया. मंत्री कृष्णोंदु चौधरी ने कहा कि इस वर्ष मालदा में आम का उत्पादन काफी अधिक हुआ और वह लोग चाह कर भी विदेशों में इसकी निर्यात नहीं कर सके. पहले मालदा आम का निर्यात बांग्लादेश होता था.

बांग्लादेश ने अपने यहां एक्सपोर्ट ड्यूटी काफी बढ़ा दिया है, जिसकी वजह से वहां मालदा आम का निर्यात बंद है. विदेशों में आम निर्यात का काम राज्य सरकार के अधीन नहीं है. यह काम केन्द्र सरकार का है. उन्होंने केंद्र सरकार पर असहयोग करने का आरोप लगाया.उन्होंने कई बार इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार से बात की है. इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस मुद्दे पर केंद्र को एक चिट्ठी दी है. फिर भी कोई लाभ नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सिर्फ बांग्लादेश ही क्यों हम नेपाल, भूटान तथा म्यांमार भी आम भेज सकते हैं. विदेशी यहां आते हैं और मुनाफा कमा कर चले जाते हैं. हम चाह कर भी मालदा आम का निर्यात नहीं कर पाते. श्री चौधरी ने आगे बताया कि इंग्लिशबाजार थाना अंतर्गत महदीपुर इलाके में स्थित लैंड कस्टम्स को बेहतर बनाने का काम चल रहा है. मालदा का महदीपुर भारत-बांग्लादेश सीमा पर अवस्थित है. यहीं से बांग्लादेश के लिए माल भेजने का काम होता है. उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मेक इन इंडिया की बात करते हैं. मेक इन इंडिया कुछ स्थानों पर ही नहीं चलेगा. मेक इन इंडिया को पूरे देश में फैलाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि मालदा में रेशम भी काफी विख्यात है. यहां एक शिल्प पार्क बनाने का निर्णय लिया गया है.

राज्य सरकार रेशम से बने उत्पादों को विदेश भेजना चाहती है. यदि यहां के आम तथा रेशम का निर्यात विदेशों में होने लगे तो मालदा जिला भी आर्थिक रूप से काफी विकसित हो जायेगा. इस समारोह में मालदा कॉपरेटिव बैंक के चेयरमैन शुभेन्दू चौधरी ने बताया कि विदेशों में आम के निर्यात के लिए आवश्यक ढांचागत सुविधाओं का यहां विकास करना होगा. मालदा में सिर्फ आम ही नहीं, बल्कि लीची का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है. आम, रेशम तथा लीची के निर्यात की व्यवस्था करनी होगी. उन्होंने किसानों से भी खेती में कीटनाशकों का उपयोग नहीं करने की अपील की. उन्होंने कहा कि कीटनाशकों के प्रयोग की वजह से बाहरी देश हमारे उत्पाद नहीं खरीदना चाहते.

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