यदि हड़ताल की यह स्थिति अगले कुछ दिनों तक जारी रही तो आम लोगों को रसोई गैस की किल्लतों का सामना करना पड़ेगा. एलपीजी ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन के बैनरतले सभी वाहन चालक हड़ताल पर हैं. इस बीच, ट्रांसपोर्ट कंपनी लीलाधर गोयल ऐंड ब्रदर्स के मालिक विजय गोयल ने कर्मचारियों पर समझौता तोड़ने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि 29 मई 2013 को दाजिर्लिंग के तत्कालीन डीएम की मौजूदगी में एलपीजी ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन के साथ एक त्रिपक्षीय बैठक हुई थी और उसी बैठक में ट्रांसपोर्ट के वाहन चालकों तथा अन्य कर्मचारियों के वेतन को लेकर एक समझौता हुआ था. इस समझौते पर सभी पक्ष के हस्ताक्षर हैं. 31 मार्च 2017 तक के लिए यह वेतन समझौता हुआ है. ऐसे में अचानक ही बीच में वेतन तथा भत्ते बढ़ाने की मांग गैरवाजिब है. श्री गोयल ने आगे बताया कि वह लोग तेल कंपनियों के पास से टेंडर के जरिये एलपीजी ढुलाई का ठेका प्राप्त करते हैं.
कर्मचारियों के साथ हुए पूर्व वेतन समझौते के आधार पर तेल कंपनियों के समक्ष टेंडर दिया गया. अब नये सिरे से टेंडर देने का प्रावधान नहीं है. अचानक एलपीजी ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन के नेता वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं. उनकी मांगों को श्री गोयल ने पूरी तरह से गैरवाजिब बताया. उन्होंने कहा कि कुछ बाहरी तत्वों के इशारे पर ट्रांसपोर्ट के चालक तथा कर्मचारी गैरवाजिब मांग कर रहे हैं. जब वेतन तथा भत्ते को लेकर समझौता हुआ था तब जीटीए के प्रतिनिधि के रूप में सभासद ज्योति राई भी उपस्थित थे.
यदि कर्मचारियों की मांगें मान ली गई, तो कंपनी को काफी नुकसान होगा. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर कर्मचारी उनके साथ बातचीत के लिए राजी होते हैं, तो बीच का कोई रास्ता निकाला जायेगा. वह स्वयं ही इस समस्या का समाधान चाहते हैं. यही वजह है कि उन्होंने इस मुद्दे को लेकर कर्मचारियों के साथ बातचीत भी की थी. लेकिन कर्मचारी अपने अड़ियल रवैये पर डटे रहे. जिसकी वजह से ऐसी नौबत पैदा हुई है. कंपनी की एक अन्य मालिक संतोष गोयल का कहना है कि हम नहीं चाहते कि हमारे कर्मचारी भूखे सोयें. उनकी वाजिब मांगों को वह लोग मानने के लिए तैयार हैं, लेकिन जितने वेतन वृद्धि की मांग वह लोग कर रहे हैं, उतना अधिक दे पाना संभव नहीं है. गौरतलब है कि इस ट्रांसपोर्ट कंपनी के चालक 15 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन देने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही पीएफ, ईएसआई, पेंशन, बीमा, महंगाई भत्ता, बोनस आदि की मांग पर भी कर्मचारी डटे रहे हैं. इन चालकों की हड़ताल की वजह से सिलीगुड़ी में एलपीजी गैस सिलेंडरों की लोडिंग-अनलोडिंग का काम पूरी तरह से बंद है. आने वाले दिनों में दाजिर्लिंग जिले के साथ-साथ सिक्किम में भी रसोई गैस की किल्लत होने की संभावना है.