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जमीन का मालिकाना हक पाने के लिए किसान ने लगायी गुहार

हाईकोर्ट में दर्ज कराया रीपीटिशन फूलबारी एक ग्राम पंचायत के कावाखाली पोड़ाझाड़ निवासी किसान कार्तिक मल्लिक की जमीन से जुड़ा है मामला सिलीगुड़ी : फूलबारी एक ग्राम पंचायत के कावाखाली पोड़ाझाड़ निवासी किसान ने जमीन का मालिकाना हक पाने के लिए राज्य सरकार व कोर्ट से मदद की गुहार लगायी है. उक्त किसान ने साढ़े […]

हाईकोर्ट में दर्ज कराया रीपीटिशन

फूलबारी एक ग्राम पंचायत के कावाखाली पोड़ाझाड़ निवासी किसान कार्तिक मल्लिक की जमीन से जुड़ा है मामला
सिलीगुड़ी : फूलबारी एक ग्राम पंचायत के कावाखाली पोड़ाझाड़ निवासी किसान ने जमीन का मालिकाना हक पाने के लिए राज्य सरकार व कोर्ट से मदद की गुहार लगायी है. उक्त किसान ने साढ़े 37 कट्ठा जमीन पर निर्माण कार्य को स्थगित करने के लिए हाई कोर्ट में रीपीटिशन भी दर्ज करायी है. बताया गया है कि कोर्ट से रीपीटिशन का ऑर्डर आने के बाद बुधवार से किसान का परिवार धरने पर बैठेगा.
इस संबंध में किसान कार्तिक मल्लिक ने बताया कि कई वर्ष पहले उनके पिता गोविंद मल्लिक ने अपने किसी रिश्तेदार से उस इलाके में 60 कट्ठा जमीन खरीदा था. लेकिन वर्ष 2004 में राज्य सरकार द्वारा इलाके के विकास के लिए वहां जमीन का अधिग्रहण किया जाने लगा. उन्होंने बताया कि 60 कट्ठा में से 22 कट्ठा जमीन सड़क निर्माण में चला गया.
बाकी के साढ़े 37 कट्टा जमीन को भी सरकार ने अधिग्रहण करने का प्रयास किया. उस वक्त उनके पिता ने सरकार को जमीन देने से मना कर दिया. उन्होंने बताया कि एसजेडीए ने उस जमीन को एक सिमेंट कंपनी के हाथ में बेच दिया था.
वर्ष 2018 में राज्य सरकार ने 52 किसानों को उनकी जमीन वापस कर दी. लेकिन आरटीआई के माध्यम से उन्हें पता चला कि 52 किसानों की सूची में उनका नाम नहीं है. जिसके बाद उन लोगों ने 2018 में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की. कोर्ट ने उक्त याचिका पर संज्ञान लेते हुए उस काम को रोकने का आदेश दिया.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद सीमेंट कंपनी ने वहां काम शुरू कर दिया. जिसके बाद हमलोगों ने फिर से से जमीन पर चल रहे निर्माण कार्य का फोटो लेकर रीपिटिशन दर्ज कराया. कार्तिक मल्लिक ने कहा कि रीपिटिशन का ऑर्डर आ जाने के बाद वे उसकी कॉपी को एसजेडीए तथा अन्य सरकारी कार्यालयों में भेजेंगे.
उन्होंने बताया कि उनके चार भाई तथा दो बहन है. किसी के पास रोजगार नहीं है. वे चाहते हैं कि सरकार उनकी जमीन लौटा दे. अगर इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वे धरने पर बैठने के लिए बाध्य होंगे. इस संबंध में एसजेडीए के चेयरमैन विजय चंद्र बर्मन से भी फोन पर जब बात की गयी तो उन्होंने कहा कि जमीन के दस्तावेज को देखने के बाद ही वे कुछ बता पायेंगे.

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