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ऐसे आंदोलन की दरकार, जो हिला दे सरकार

सिलीगुड़ी : इन समाजसेवियों ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना पुलिस प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती बन गई है. आए दिन महिलाओं के साथ मानसिक व शारीरिक अत्याचार समेत घरेलू हिंसा और महिला उतपीड़न की घटनाएं बढ़ती जा रही है. इनमें कई मामले दो दब जाते हैं तो कई मामलों को जबरन दबा […]

सिलीगुड़ी : इन समाजसेवियों ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना पुलिस प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती बन गई है. आए दिन महिलाओं के साथ मानसिक व शारीरिक अत्याचार समेत घरेलू हिंसा और महिला उतपीड़न की घटनाएं बढ़ती जा रही है.

इनमें कई मामले दो दब जाते हैं तो कई मामलों को जबरन दबा दिया जाता है. फिलहाल देश में हैदराबाद डॉ प्रियंका रेड्डी दुष्कर्म कांड को लेकर लोगों में उबाल है. इस मामले में आरोपियों को सजा मिलने से पहले ही गुरुवार को उसी अंदाज में मालदा के इंगलिश बाजार थाना इलाके में एक अन्य युवती को जलाकर मार दिया गया है.
इससे पहले भी इंसानियत को शर्मशार करने वाली दिल्ली का निर्भया कांड, कठुआ व उन्नाव की घटना को लेकर देशवासियों को गुस्से में देखा गया था. आखिर इन सभी घटनाओं का जिम्मेदार कौन है? ये भी प्रश्न बना हुआ है. महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर एक रिपोर्ट की मानें तो हर 6 घंटे में देश में एक महिला के साथ दुष्कर्म जैसी घटना घट रही है. घर हो या बाहर आज लड़कियां कहीं सुरक्षित नहीं है.
घर में अपनों से खतरा तो बाहर सामाज के विकृत मानसिकता वाले लोगों का भय है. आज समाज में आठ महीने की बच्ची से लेकर 80 साल की बुजुर्ग महिला भी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही हैं. इसके लिए महिलाओं को खुद आगे जाकर अपनी साहयता करनी होगी. इसी के साथ यह भी जरूरी है कि लड़कों को भी अच्छी व बुरी भावनाओं के बारे में बचपन से ही अवगत कराया जाये.

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