पति के दीर्घायु की कामना के लिए रखा निर्जला व्रत
पति के हाथों जल ग्रहण कर तोड़ा व्रत
सिलीगुड़ी : हिंदीभाषी समाज की सुहागिनों (विवाहित महिलाओं) में करवा चौथ का विशेष महत्त्व है. गुरुवार को सुहागिनों ने पति के दीर्घायु, सुख-समृद्धि, एश्वर्य, सौभाग्य व सुखी जीवन के लिए दिन भर निर्जला व्रत का पालन किया.
रात को चांद का दीदार व शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय व चांद की पूजा-अर्चना के बाद पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत तोड़ी. करवा चौथ पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश व गुजरात में अलग-अलग रीति रिवाजों के साथ मनाया जानेवाला त्योहार है. लेकिन हर जगह की महिलाएं पति के दीर्घायु के लिए व्रत करती है और पूजा-अर्चना का रिवाज अपने परिवार के परंपरागत रूप से पालन करती हैं.
सिलीगुड़ी में पंजाब से जुड़ी सिख संप्रदाय की सुहागिन महिलाओं भी आज दिन भर पति के लिए निर्जला व्रत का पालन की. दिन को महिलाएं सामूहिक रूप से करवा चौथ की कहानी सुनकर पूजा-अर्चना की. रात को चांद निकलते ही चलनी और दीया जलाकर चांद का दीदार किया. साथ ही चांद का पूजा कर पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत खोली.
मारवाड़ी समाज की महिलाएं भी सुबह करवा चौथ का व्रत सुनकर और शिव-पार्वती, गणेश, कार्तिक, चांद की चीनी से बने करवा या फिर तांबे के करवा से पूजा कर दिनभर पति के लिए निर्जला व्रत की पालन की. रात को चांद का पूजा कर पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत तोड़ी.