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स्वास्थ्य सेवा का बुरा हाल, एम्बुलेंस भी खराब

आश्वासन के बावजूद अब तक नहीं आयी नयी एंबुलेंस कालचीनी : अलीपुरद्वार जिले के कालचीनी ब्लॉक स्थित 7504 जनसंख्या वाले आटियाबड़ी चाय बागान में कुल 1700 स्थायी व बीघा चाय कर्मचारी निवास करते हैं. यहां विगत वर्षों में बागान प्रबंधक की ओर से एक एंबुलेंस प्रदान किया गया था, जो लंबे समय से खराब है. […]

आश्वासन के बावजूद अब तक नहीं आयी नयी एंबुलेंस

कालचीनी : अलीपुरद्वार जिले के कालचीनी ब्लॉक स्थित 7504 जनसंख्या वाले आटियाबड़ी चाय बागान में कुल 1700 स्थायी व बीघा चाय कर्मचारी निवास करते हैं. यहां विगत वर्षों में बागान प्रबंधक की ओर से एक एंबुलेंस प्रदान किया गया था, जो लंबे समय से खराब है. इसके कारण बागान के श्रमिकों को काफी समस्या हो रही है.
बागान में यदि कोई श्रमिक बीमार पड़ जाये तो उसे 10 किलोमीटर दूर उत्तर लताबाड़ी ग्रामीण अस्पताल या अलीपुरद्वार जिला अस्पताल ले जाना पड़ता है, जो बागान से लगभग 30 किलोमीटर दूर है. खराब एंबुलेंस अगर मजबूरी में लोग उपयोग कर भी लेते हैं तो रास्ते में चलते-चलते कभी एंबुलेंस का इंजन अचानक बंद हो जाजा है या फिर उसका दरवाजा खुल जाता है. जान जोखिम में डालकर मरीज अस्पताल पहुंचते हैं.
इस विषय में गारोपारा ग्राम पंचायत के पूर्व पंचायत सदस्य सुरेश उरांव ने बताया कि चिकित्सा के क्षेत्र में यहां के मरीजों को बाहर ले जाने के लिए काफी समस्या है. तृणमूल ट्रेड यूनियन के सीताराम साहू ने बागान प्रबंधन का घोर विरोध करते हुए कहा कि बागान मैनेजमेंट जानबूझकर यहां के श्रमिकों को इस तरह की मुसीबत में डाला करते है. उन्होंने कहा यदि कोई महिला रोगी को बाहर चिकित्सा के लिए ले जाना होता है तो एक टाटा मैजिक हायर किया जाता है. उसमें महिला को ले जाना बेहद ही कष्टदायक होता है.
वहीं इन विषयों में स्थानीय चाय श्रमिक अमजद अंसारी ने भी कहा कि हमसे कंपनियां करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाती है मगर एक छोटी सी समस्या को ठीक नहीं कर पाती. उन्होंने कहा कि विगत 8 महीनों से हमारे बागान के चाय श्रमिक यह विशेष समस्या से जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा बार-बार बागान मैनेजमेंट से या आश्वासन दिया जाता है कि नयी एंबुलेंस मिलेगी, लेकिन कुछ प्राप्त नहीं हुआ.

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