एसएफआइ नेताओं ने प्रशासन के खिलाफ जतायी नाराजगी
सिलीगुड़ी : ढाई महीने बाद जेल से रिहा होते ही एसएफआइ के दार्जिलिंग जिलाध्यक्ष सागर शर्मा एवं अनारुल प्रमाणिक ने प्रशासन और कानून-व्यवस्था पर आक्रोश जताया. दार्जिलिंग जिला सीपीआइएम कार्यालय में आयोजित एक प्रेसवर्ता में सागर शर्मा ने बताया कि इस घटना के साथ एक राजनीतिक साजिश के तहत उनका नाम जोड़ा गया है.
घटना वाले दिन वह अपने घर जा रहा था. लोगों की भीड़ देखकर जब वह मौके पर पहुंचे तो कुछ लोग उनके साथ मारपीट करने लगे. अनारुल ने उन्हें सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में भर्ती कराया. बाद में पता चला कि हम दोनों के खिलाफ प्रधान नगर थाना में शिकायत दर्ज करायी गयी है. सागर ने बताया कि घटना का मुख्य आरोपी निखिल साहनी फरार है. एफआइआर कॉपी के अंतिम में हम दोनों के नाम जबरन जोड़े गये हैं.
अनारुल ने बताया कि घटना के बाद शनिवार को जब वह प्रधाननगर थाना में गये तो पुलिस ने एफआइआर लेने से मना कर दिया. पुलिस की ओर से बताया गया कि राजीव नगर इलाके में केस के आइओ उनका इंतजार कर रहे है. वहां जाते ही सत्ताधारी पार्टी के स्थानीय नेता समीर क्षेत्री के निर्देश पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. अनारुल का आरोप है कि गिरफ्तारी के बाद उनकी बेगुनाही के सारे सबूतों को मिटाने का प्रयास किया गया. दोनों ने मुख्य आरोपी को जल्द से जल्द चिन्हित कर कड़ी सजा देने की मांग की.
ज्ञात हो कि 22 मार्च को दार्जिलिंग मोड़ संलग्न राजीव नगर इलाके में एक युवक पर एसिड अटैक हुआ था. इस मामले में प्रधाननगर थाना की पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. इसमें सागर शर्मा एवं अनारुल प्रमाणिक भी शामिल हैं. गिरफ्तारी के 70 दिनों बाद शनिवार को दोनों को जमानत पर रिहा किया गया. दोनों के स्वागत के लिए एसएफआइ और डीवाइएफआइ कार्यकर्ताओं के साथ निगम में एमएमआइसी शंकर घोष भी पहुंचे थे.