हावड़ा : पश्चिम बंगाल में इमरजेंसी जैसे हालात हो गये हैं. यह कहना है बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का. सांकराइल के पोदरा में एक सभा को संबोधित करने पहुंचे बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने तृणमूल कांग्रेस की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में तीन बार पंचायत चुनाव हुए, लेकिन एक बूथ दखल तक नहीं हुआ.
पूरे बिहार में पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. वहीं, बंगाल के पंचायत चुनाव में सिर्फ हिंसा का ही बोलबाला रहा. स्थिति कितनी भयावह है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां 35 फीसदी सीटों पर विपक्षी उम्मीदवार खड़े ही नहीं हो सके आैर बिना किसी प्रतियोगिता के तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार विजयी हो गये.
यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि बंगाल में इमरजेंसी जैसे हालात हैं. इंदिरा गांधी ने भी इमरजेंसी लगायी थी. नतीजा क्या हुआ, यह सबको पता है. उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. बंगाल की जनता भी इसी तरीके से इस इमरजेंसी का जवाब देगी. सुशील मोदी ने कहा कि बंगाल की बड़ी अजीब परिस्थिति है. रथयात्रा निकालने पर पाबंदी लगा दी गयी.
हेलीकॉप्टर उतारने की इजाजत नहीं दी जाती है. वाममोर्चा सरकार की तुलना में तृणमूल कांग्रेस के शासनकाल में गुंडागर्दी काफी बढ़ी है. इस सभा में प्रदेश अध्यक्ष व विधायक दिलीप घोष, प्रदेश महासचिव संजय सिंह, प्रदेश नेता उमेश राय, जिलाध्यक्ष सुरजीत साहा, विनय अग्रवाल सहित अन्य शामिल थे. सभा के पूर्व प्रतिमा दत्ता भाजपा में शामिल हुईं.
मालूम रहे कि प्रतिमा दत्ता तृणमूल कांग्रेस के दिवंगत नेता तपन दत्ता की पत्नी हैं. वर्ष 2011 में तपन दत्ता की गोली मारकर हत्या की गयी थी. सीआइडी ने जांच शुरू की. 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन हावड़ा अदालत ने सभी को बरी कर दिया. दिवंगत की पत्नी उच्च न्यायालय से सीबीआइ जांच मांग कराने के लिए याचिका दायर की है.

