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सिलीगुड़ी : काफी दिनों बाद सिलीगुड़ी में वामपंथियों ने दिखाया दम

सिलीगुड़ी : काफी दिनों बाद सिलीगुड़ी में वामपंथियों ने दम दिखाया है. वामपंथी संगठन अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले बृहस्पतिवार को करीब 10 हजार किसान अपनी मांगों को लेकर उत्तरकन्या अभियान पर निकले. तीस्ता सिंचाई परियोजना का काम जल्द से जल्द खत्म करने,खेत मजदूरों की दैनिक मजदूरी 350 रुपये करने,कर्ज माफी व अन्य […]

सिलीगुड़ी : काफी दिनों बाद सिलीगुड़ी में वामपंथियों ने दम दिखाया है. वामपंथी संगठन अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले बृहस्पतिवार को करीब 10 हजार किसान अपनी मांगों को लेकर उत्तरकन्या अभियान पर निकले. तीस्ता सिंचाई परियोजना का काम जल्द से जल्द खत्म करने,खेत मजदूरों की दैनिक मजदूरी 350 रुपये करने,कर्ज माफी व अन्य कई मांगों को लेकर राज्य मिनी सचिवालय उत्तरकन्या कूच पर निकले.
आज सुबह से ही सिलीगुड़ी सहित दार्जिलिंग,जलपाईगुड़ी,उत्तर दिनाजपुर,दक्षिण दिनाजपुर,अलीपुरद्वार,कूचबिहार जिले से आये किसान तथा खेत मजदूरों भारी संख्या में इस रैली में शामिल हुए. रैली के बाद तीनबत्ती मोड़ इलाके के एक मैदान में जनसभा का भी आयोजन किया गया.
जिसके बाद पांच लोगों के एक प्रतिनिधि दल ने उत्तरकन्या जाकर डिविजनल कमिश्नर की अनुपस्थिति में डिप्टी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा. उत्तरकन्या अभियान से पहले ऑल इंडिया किसान सभा के प्रदेश कमेटी के सदस्यों के साथ खेत मजदूर यूनियन के कर्मी एयरव्यू मोड़ स्थित महानंदा नदी के लालमोहन मौलिक निरंजन घाट पर इकट्ठा हुए.
जहां संगठन के कर्मियों के लिए सिलीगुड़ी तथा उसके आसपास के इलाकों से इकट्ठा की गयी रोटियों तथा आलू की सब्जी का नास्ता कराया गया. इस दिन लभगभ 1 लाख 20 हजार रोटी लोगों में बांटे गये. जिसके बाद वह रैली उत्तरकन्या के लिए रवान हुई. इस दौरान अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धावले ने बताया कि पिछले चार वर्षों में किसानों की हालत को लेकर किसी भी सरकार ने कुछ काम नहीं किया.
उनका आरोप है कि सत्ता में आने के बाद भाजपा की सरकार ने किसानों का एक रुपये भी कर्ज माफ नहीं किया है. जिसे लेकर किसानों द्वारा किये गये आंदोलन को लेकर सभी भली भांति परिचित हैं. उन्होंने वर्तमान केन्द्र सरकार पर तंज कसते हुए कहां कि मोदी सरकार आजादी के बाद किसानों की विरोधी सरकार के रुप में साबित हुई है.
क्योंकि इस सरकार के राज में किसानों का दमन तथा पूंजीपति वर्ग का उत्थान हो रहा है. जिसका उदाहरण पिछले दिनों पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में भाजपा की हार से देखा गया. उन्होंने बताया कि किसानों के आंदोलन के चलते ही उन तीन राज्यों में कुछ हदतक किसानों के कर्ज को माफ करना संभव हुआ है.
उन्होंने बताया कि जिस तरीके से पांच राज्यों की विधान सभा चुनाव में भाजपा की हार हुई है, उसी तरह से आने वाले लोकसभा चुनाव में इस देश के किसान तथा मजदूर भाजपा को हराने का काम करेंगे. उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भाई-बहन बताया . श्री धावले के अनुसार ममता बनर्जी भी बंगाल में मोदी सरकार की ही तरह जुमलेबाजी की सरकार चला रही हैं.
उन्होंने बताया की वाममोर्चा के शासन काल में लाखों गरीब किसानों को जमीन का पट्टा दिया गया. रही बात सिंचाई की तो वाममोर्चा के शासन से पहले 34 प्रतिशत सिंचाई की जमीन थी. लेकिन वाममोर्चा द्वारा राज्य का शासन संभालने के बाद यह बढ़कर 72 प्रतिशत हो गया. उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि वाममोर्चा की सरकार में एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं की. लेकिन टीएमसी के राज्य में आय दिन कर्ज ना कुका पाने के कारण किसान आत्महत्या कर रहे है.

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