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सिलीगुड़ी : नहीं थम रहा सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट का विवाद, एक और घोटाला आया सामने, मजदूरों को रखवाने के नाम पर हो रही उगाही
सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल में कच्चे माल की सबसे बड़ी मंडी सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में आर्थिक घोटाले का एक के बाद एक मामला सामने आ रहा है. पहले मार्केट कमेटी के साथ मिलकर तृणमूल नेताओं के सिंडिकेट का खुलासा हुआ, फिर अब मजदूरों को निकाल-बाहर कर अपनी जेब गरम करने का आरोप तृणमूल नेताओं पर […]
सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल में कच्चे माल की सबसे बड़ी मंडी सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में आर्थिक घोटाले का एक के बाद एक मामला सामने आ रहा है. पहले मार्केट कमेटी के साथ मिलकर तृणमूल नेताओं के सिंडिकेट का खुलासा हुआ, फिर अब मजदूरों को निकाल-बाहर कर अपनी जेब गरम करने का आरोप तृणमूल नेताओं पर लग रहा है.
अगर कहें तो सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में तृणमूल समर्थित मजदूर यूनियन में ही दो फाड़ हो गया है. एक गुट के लोग दूसरे गुट पर आर्थिक घोटाले का आरोप लगा रहे हैं. आरोप है कि पुराने मजदूरों को निकाल-बाहर कर नये मजदूरों को गद्दी में लाया जा रहा है. इसके लिए मजदूरों से लाखों रूपए की उगाही की जा रही है.
लाख-लाख रूपया लेकर मजदूरों को गद्दी में रखवाने का आरोप लगाकर रेगुलेटेड मार्केट स्थायी व अस्थायी गद्दी वर्कर्स एंड लेबर यूनियन, कैजुअल व कॉन्टैक्ट लेबर यूनियन व इंडियन नेशनल तृणमूल ट्रेड यूनियन कांग्रेस संगठन के साथ पीड़ित मजदूरों ने तृणमूल नेताओं के खिलाफ प्रधान नगर थाने में शिकायत दर्ज करायी. आर्थिक घोटाले का आरोप स्थानीय तृणमूल नेता व रेगुलेटेड मार्केट व्यवसायी श्याम यादव, विजय यादव सहित कईयों पर लगाये गए हैं.
तृणमूल समर्थित रेगुलेटेड मार्केट स्थायी व अस्थायी गद्दी वर्कर्स एंड लेबर यूनियन के सचिव उमाशंकर यादव ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में श्याम यादव, विजय यादव व उनके शागिर्दो ने मार्केट में कोहराम मचा रखा है. जेब गरम करने की लालच में जिस मजदूर को चाहा गद्दी से निकाल-बाहर कर दिया और नये मजदूरों को झांसा देकर रखवा दिया. पिछले कुछ दिनों में करीब 24 पुराने मजदूरों को निकाल-बाहर किया गया है.
जबरन निकाले जाने का कारण पूछने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है. इस मसले को तृणमूल श्रमिक संगठन आइएनटीटीयूसी के दार्जिलिंग जिला अध्यक्ष अरूप रतन घोष व राज्य के पर्यटनमंत्री गौतम देव को भी अवगत कराया. लेकिन अब तक समस्या का कोई निदान नहीं हुआ. बीते शुक्रवार को भी श्याम यादव ने राम कुमार यादव नामक एक मजूदर को जबरन हटा दिया है.
कैसे होता है घोटाला
जानकारी के मुताबिक खेती करके कच्चे माल उत्पादन करने वाले किसान सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के एजेंट (गद्दी मालिक) तक माल भेजते हैं. गद्दी मालिक अपना कमिशन रखकर माल बेचते हैं और किसान को उनका हक मुहैया कराते हैं. गाड़ियों से माल उतारने व क्रेता का माल गाड़ी पर चढ़ाने के लिए यहां मजदूरों की आवश्यकता होती है. मजदूरों का गद्दी मालिकों से कोई लेना-देना नहीं है. बल्कि माल अनलोडिंग के लिए किसान और माल लोड करने का रूपया क्रेता मजदूरों को देते हैं.
यहां के मजदूर गद्दी में ही रहते हैं. गद्दी में रहने व खाना-पीना बनाने के लिए गद्दी मालिक व मजदूर संगठन का साथ चाहिए. मजदूरों को रखने में मालिकों को कई आपत्ति नहीं है, बल्कि गद्दी में रखवाने के लिए संगठन ही रूपया लेती है. मजदूर संगठन का कहना है कि मजदूरों के हजार-दो हजार रूपए से ही संगठन चलता है. ऐसे ही मजदूरों को गद्दी में रखवाने के लिए श्याम यादव व उसके शागिर्दो पर रूपया उगाही का आरोप लगा है. इस संबंध में श्याम यादव व अरूप रतन घोष से संपर्क साधा गया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया है.
तृणमूल के दो गुटों में वर्चस्व की लड़ाई
सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में भी तृणमूल दो गुटों में बंट गयी है. दोनों गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. जानकारी के मुताबिक इसी वर्ष जनवरी महीने में तृणमूल समर्थित मजदूर यूनियन के चुनाव में उमाशंकर यादव व श्याम यादव सचिव पद के लिए मैदान में उतरे थे. उमाशंकर यादव चुनाव जीतकर सचिव पद पर आसीन हो गये, जबकि श्याम यादव को मजदूरों ने अपना नेता मानने से इन्कार कर दिया.
आरोप है कि इसके बाद से ही श्याम यादव रूपया व लाठी के बल पर मार्केट में अपना वर्चस्व बनाने को आतुर हैं. उमाशंकर यादव का आरोप है कि पहले प्रसुन दासगुप्ता व गौतम भादुड़ी संगठन में पदाधिकारी हुआ करते थे. षडयंत्र करके इन दोनों को संगठन के पद से हटाकर वर्तमान पदाधिकारियों ने घोटाले का रास्ता साफ कर लिया.
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