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एक पिता ने अपनी ही बेटी को जंजीरों से बांधकर रख दिया, जानिए आखिर क्‍या थी ऐसी मजबूरी

कूचबिहार : दोनों पैरों में जंजीर डालकर ताला बंद करके रखा गया कोई जानवर नहीं बल्कि माथाभांगा एक नंबर ब्लॉक शिकारपुर ग्राम पंचायत के गादालकुठी गांव की एक मानसिक विकलांग लड़की है. इसकी दास्तां बहुत अजीब है. यहां मानवता को कूचलते हुए असहाय पिता अपनी ममता को जंजीरों में जकड़कर रखने को मजबूर है. बेटी […]

कूचबिहार : दोनों पैरों में जंजीर डालकर ताला बंद करके रखा गया कोई जानवर नहीं बल्कि माथाभांगा एक नंबर ब्लॉक शिकारपुर ग्राम पंचायत के गादालकुठी गांव की एक मानसिक विकलांग लड़की है. इसकी दास्तां बहुत अजीब है. यहां मानवता को कूचलते हुए असहाय पिता अपनी ममता को जंजीरों में जकड़कर रखने को मजबूर है. बेटी के इलाज के लिए उसने सामाजिक संगठनों से सहयोग की अपील की है. माथाभांगा एक नंबर ब्लॉक के शिकारपुर ग्राम पंचायत अंतर्गत गादाल कुठी गांव निवासी पेशे से दिहारी मजदूर प्रथम राय की बेटी प्रतीका बर्मन मानसिक रूप से विकलांग है.
उसकी उम्र लगभग 20 साल है. वह बचपन से पढ़ाई लिखायी में मेधावी व शरीर से स्वस्थ्य थी. जब वह 12 साल की हुई उस समय उसकी मां का देहांत हो गया. मां के शव को देखकर 12 वर्षिय बच्ची चिल्लाने लगी. मातृ शोक से प्रतीका को गहरा झटका लगा और उसने मानसिक संतुलन खो दिया. गरीब पिता ने बेटी की काफी इलाज करवायी लेकिन उसे स्वस्थ्य नहीं कर पाया. उम्र बढ़ने के साथ साथ उसकी विकलांगता बढ़ती जा रही है. वह चंचल हो रही है.
अब बेटी की सुरक्षा के लिए पिता उसके दोनों पैरों में जंजीर डालकर रखता है.जरुरतमंद परिवार को बेटी के इलाज के लिए ना तो राजनैतिक ना ही किसी सामाजिक संगठन का सहयोग मिला. इस स्थिति में बेटी को सुरक्षित रखने के लिए उसे जंजीर में जकड़कर रखना उसके पिता की मजबूरी है. प्रथम बर्मन ने आवेदन किया है कि किसी स्वहृदय व्यक्ति या संगठन उसकी बेटी की मदद के लिए आगे आयें. ताकि इलाज के बाद उसकी जिंदगी संवर सके.

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