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दिव्यांग संगीत कलाकार का जीना दूभर
कालियागंज. 100 प्रतिशत विकलांग होने के बावजूद एक संगीत कलाकार को किसी प्रकार की कोई सरकारी सुविधा नहीं मिल रही है. जिसकी वजह से उसको अपना जीवन गुजारने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. विकलांग संगीत कलाकार का नाम ककायी देवशर्मा है. वह कालियागंज ब्लॉक के आनंदपुर अंचल के माहीनगर गांव का […]
कालियागंज. 100 प्रतिशत विकलांग होने के बावजूद एक संगीत कलाकार को किसी प्रकार की कोई सरकारी सुविधा नहीं मिल रही है. जिसकी वजह से उसको अपना जीवन गुजारने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. विकलांग संगीत कलाकार का नाम ककायी देवशर्मा है. वह कालियागंज ब्लॉक के आनंदपुर अंचल के माहीनगर गांव का रहने वाला है. वह अपनी मां के साथ किसी तरह से अपनी जिंदगी गुजर बसर कर रहा है.
एक तरह से कहा जाए तो भीख मांगकर ही दोनों मां-बेटे की आजीविका चल रही है. स्थानीय लोगों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार ककायी इस पूरे इलाके में लोक संगीत गाने को लेकर काफी चर्चित है. उसके संगीत को सुनकर लोग बाग-बाग कर उठते हैं. वह एक प्रकार के विशेष वाद्ययंत्र के जरिए अपने संगीत की प्रस्तुति देता है. संगीत सुनने वाले लोग ही उसे रूपए-पैसे दे देते हैं. जिसकी सहायता से उसकी जिंदगी चल जाती है. ककायी का कहना है कि वह पूरी तरह से विकलांग है.
सरकार की ओर से नहीं मिल रही है कोई सुविधा
स्थानीय लोगों की मदद से चल रही है मां-बेटे की जिंदगी
विकलांगता प्रमाण पत्र पाने के लिए उसे काफी पापड़ बेलने पड़े थे. किसी तरह से उसे विकलांगता प्रमाण पत्र मिल गया. लेकिन किसी भी प्रकार की सरकारी सुविधा नहीं मिल रही है. वह विकलांगों के लिए सरकार द्वारा घोषित विभिन्न सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए कई बार बड़े अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर काट चुका है. लेकिन उसका कोई लाभ नहीं हुआ है. उसकी मां भी वृद्धा भत्ता से वंचित हैं.उसकी मां चितीबाला ने कहा है कि अगर आमलोगों की सहायता नहीं मिले तो दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो जाएगा .
इन लोगों ने सरकार से विकलांगों को मिलने वाली सुविधा तत्काल देने की मांग की है. स्थानीय लोगों ने भी इनकी मांगों का समर्थन किया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि राज्य सरकार ने कलाकारों तथा विकलांगों के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है. इसका लाभ भी इन लोगों को मिलना चाहिए.
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