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पर्यटन मंत्री ने 12 विभागों के अधिकारियों के साथ की बैठक

सिलीगुड़ी : गाजलडोबा के भोरेर आलो परियोजना का कार्य युद्ध स्तर पर कराने का निर्देश राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिया है. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने परियोजना से जुड़े कुल 12 विभाग व परियोजना में शामिल व्यवसायियों के साथ बैठक की, लेकिन इस परियोजना के विभिन्न कार्यों का […]

सिलीगुड़ी : गाजलडोबा के भोरेर आलो परियोजना का कार्य युद्ध स्तर पर कराने का निर्देश राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिया है. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने परियोजना से जुड़े कुल 12 विभाग व परियोजना में शामिल व्यवसायियों के साथ बैठक की, लेकिन इस परियोजना के विभिन्न कार्यों का टेंडर अटक रहा है. ठेकेदार टेंडर भरने से कतरा रहे हैं.
गाजलडोबा से सरस्वतीपुर जंगल के भीतर से बंगाल सफारी तक एक सड़क बनाने के लिए ठेकेदार दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. इस कार्य के लिए वन विभाग ने टेंडर जारी किया था लेकिन उसे खारिज करना पड़ा है.
उल्लेखनीय है कि भोरेर आलो परियोजना राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सपनों की परियोजना है. गाजलडोबा को देश का सबसे बड़ा पर्यटन केंद्र बनाने के लिए सरकार तत्पर है. गाजलडोबा के 208 एकड़ जमीन पर परियोजना का काम शुरू किया गया है.
लेकिन ठेकेदार परियोजना में रूची नहीं दिखा रहे हैं. गाजलडोबा से सरस्वतीपुर जंगल के भीतर से होकर एक सड़क बंगाल सफारी तक बनाने की योजना है. यह कार्य वन विभाग को सौंपा गया है. इसके लिए वन विभाग को पांच करोड़ रूपया भी आवंटित किया जा चुका है.
सड़क का काम करने के लिए वन विभाग ने एक टेंडर जारी किया था. केवल एक ठेकेदार ने इस टेंडर को भरा था. ठेकेदारों के दिलचस्पी के अभाव में इस टेंडर को खारिज कर दिया गया है. इस कार्य के लिए फिर से टेंडर जारी करने की कवायद शुरू की गयी है. इस सड़क से जंगल सफारी, साइक्लिंग आदि की योजना पर्यटन विभाग की है. भोरेर आलो परियोजना के प्रत्येक कार्य के लिए समय निर्धारित किया गया है. सभी ठेकेदारों को समय पर कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है.
इधर 15 दिन के अंतराल में कार्य का जाएजा लेने का निर्देश जिला शासक को दिया है. साथ ही प्रति महीने मंत्री गौतम देव भी कार्य का निरीक्षण करेगें. भोरेर आलो परियोजना के निकट एक अत्याधुनिक अस्पताल बनाने का निर्णय पर्यटन मंत्रालय ने लिया है. अस्पताल के लिए करीब डेढ़ एकड़ जमीन तलाशने की जिम्मेदारी जलपाईगुड़ी जिल शासक को सौंपी गयी है. मंत्री गौतम देव ने बताया कि तत्काल वहां 10 बेड वाला एक हेल्थ सेंटर बनाया जायेगा. इसके साथ ही गाजलडोबा के लिए एक पुलिस थाना बनाये जाने की योजना है.
लेकिन तत्काल एक पुलिस चौकी बनायी जा रही है. इस पुलिस चौकी के लिए एक बोलेरो गाड़ी व एक मोटर साइकिल पर्यटन विभाग की ओर से पुलिस को प्रदान किया जायेगा. उन्होंने आगे बताया कि परियोजना के लिए समय निर्धारित है. ठेकेदारों को समय पर काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है. कार्य की गति को बनाये रखने के लिए जिला शासक को 15 दिन के अंतराल पर कार्य का जायजा लेने को कहा गया है.
एक महीने के अंतराल पर वे स्वयं कार्यों का परिदर्शन करेगें. रेलवे से समझौता होने के बाद उदलाबाड़ी से बिजली का का केबल बिछाने का काम पूरा होने को है. इंटीग्रेटेड रोड के साथ तालाब, पंप आदि बनाने के लिए सिंचाई विभाग को 53 करोड़ रूपया आवंटित किया गया है.
नया ब्रिज का किया जायेगा निर्माण
इधर भोरेर आलो परियोजना में प्रवेश करने के लिए तीस्ता नदी पर एक ब्रिज बना हुआ है. यह ब्रिज सिंचाइ विभाग का है. लेकिन भारी वाहनों की भार उठाने की क्षमता इस ब्रिज में नहीं है. इसके लिए इस ब्रिज के समानांतर एक ब्रिज बनाया जायेगा. एक सौ करोड़ का यह कार्य पीडब्ल्यूडी विभाग को सौंपा गया है.
गाजलडोबा जाने के लिए रेलवे लाइन के उपर एक प्लाईओवर ब्रिज बनाने का कार्य जारी है. इस ब्रिज के बन जाने से गाजलडोबा जाने के लिए 9 किलोमीटर का रास्ता कम हो जायेगा. गाजलडोबा के पाखी वितान में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य करने से पर्यावरण विभाग ने मना किया है. इसके अतिरिक्त श्री देव ने बताया कि गाजलडोबा में चलने वाली नौकाओं को सजाया जायेगा. साथ ही गाजलडोबा व मिरिक लेक में एक-एक बोट हाउस उतारने की योजना है. इसके लिए प्रयास जारी है.

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