अव्यवस्था. उत्तर बंगाल डेंटल मेडिकल कॉलेज का बुरा हाल
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लाखों रुपये हुए आवंटित नहीं हो पाया है कोई काम
अव्यवस्था. उत्तर बंगाल डेंटल मेडिकल कॉलेज का बुरा हाल सभी रुपये वापस लौटने के कगार पर करोड़ों रुपये की मशीन भी कबाड़ में तब्दील रोगी कल्याण समिति की बैठक में भड़के चेयरमैन स्वास्थ्य भवन से ऑडिट रिपोर्ट मंगाने की तैयारी कॉलेज के अध्यक्ष आये आरोपों के घेरे में सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल डेंटल मेडिकल कॉलेज […]
सभी रुपये वापस लौटने के कगार पर
करोड़ों रुपये की मशीन भी कबाड़ में तब्दील
रोगी कल्याण समिति की बैठक में भड़के चेयरमैन
स्वास्थ्य भवन से ऑडिट रिपोर्ट मंगाने की तैयारी
कॉलेज के अध्यक्ष आये आरोपों के घेरे में
सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल डेंटल मेडिकल कॉलेज के विकास के लिए वित्तीय वर्ष 2016-17 में आवंटित रूपये वापस हो गये हैं. 2017-18 के लिए भी आवंटित धन वापसी के कगार पर है. डेंटल कॉलेज में चिकित्सा सुविधा के लिए राज्य स्वास्थ भवन से भेजे गये करोड़ों के सामान व अत्याधुनिक मशीन या तो शौचालय या फिर स्टोर रूम में पड़ा-पड़ा नष्ट हो रहा है. डेंटल कॉलेज की स्थिति देखकर आवेश में आये रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन डा. रूद्रनाथ भट्टाचार्य ने ऑडिट रिपोर्ट स्वास्थ भवन से मंगवायी है. इस संबंध में उन्होंने आज ही स्वास्थ भवन को एक ई-मेल भेजा है. डेंटल कॉलेज के अध्यक्ष सौमेन चक्रवर्ती इस मामले में आरोपों के घेरे में हैं. नियमों की धज्जियां उड़ाकर मनमाने तरीके से कॉलेज चलाने का आरोप उन पर लगा है.
मिली जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2016-17 में डेंटल कॉलेज लाइब्रेरी के विकास के लिए 20 लाख रूपए आवंटित किये गए थे. खर्च नहीं होने की वजह सेरूपये वापस हो गये. इसके बाद वित्तीय वर्ष 2017-18 में भी 48 लाख रूपया आवंटित किया गया है. इसकी भी जानकारी किसी को नहीं है. इस रूपये को खर्च करने के लिए मात्र एक महीना का समय बचा है. मार्च महीने तक रूपये खर्च न होने पर यह भी वापस हो जायेगा. इसके अतिरिक्त रोगी कल्याण फंड में भी 48 लाख रूपये विभन्न मदों आया हुआ है.
उत्तर बंगाल मेडिकल व डेंटल कॉलेज रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन डॉ. रूद्रनाथ भट्टाचार्य ने इन सभी रूपयों की ऑडिट रिपोर्ट मांगी है. डेंटल कॉलेज प्रबंधन, कर्मचारी व विद्यार्थियों ने अध्यक्ष के खिलाफ शिकायतों की झड़ी लगायी है. आरोप है कि अध्यक्ष अपने हिसाब से कॉलेज का संचालन कर रहे हैं. उनके खिलाफ आवाज उठाने पर विद्यार्थियों को फेल करने की धमकी दी जाती है. इसकी वजह से सभी खामोश बैठे हैं. कॉलेज की स्थिति से रूबरू होकर रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन स्तब्ध रह गये. नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि यही हाल रहा तो डेंटल कॉलेज का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
रोगी कल्याण समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से डॉ भट्टाचार्य ने कहा कि वर्ष 16-17 में 20 लाख रूपया आवंटित हुआ था. इस वर्ष भी 48 लाख रूपया आवंटित हुआ है. रोगी कल्याण समिति के फंड में 48 लाख रूपया पड़ा हुआ है. इन सभी विषयों को कॉलेज के अध्यक्ष दबा गये. 20 लाख रूपया वापस हो चुका है. अगले महीने तक खर्च न होने पर इस वर्ष का रूपया भी वापस हो जायेगा. इन रूपयों से होने वाला एक भी विकास कार्य नहीं हुआ है. इसके अतिरिक्त 20 करोड़ रूपए की लागत से डेंटल कॉलेज में एक चार मंजिला भवन निर्माण करने की बात पांच वर्ष पुरानी है. जबकि इस भवन का डीपीआर अब तक स्वास्थ भवन को नहीं भेजा गया है.
रोगियों की सुविधा के लिए स्वास्थ भवन की ओर से अत्याधुनिक चेयर, बेड, लाइट, एनेस्थेसिया व एसी मशीन आदि भिजवा गए थे. करोड़ो रूपये का यह सामान शौचालय व स्टोर रूम में पड़ा-पड़ा नष्ट हो रहा है. कॉलेज में उपस्थिति को लेकर बायोमिट्रिक मशीन लगाने की भी कवायद शुरू की गयी है.
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