दार्जिलिंग: तकभर क्षेत्र के मालीधूरा में विमल गुरुंग साल 2011 से कंचनजंघा स्कूल का निर्माण करके उसका संचालन कर रहे थे. इस स्कूल में तराई, डुआर्स और स्थानीय विद्यार्थी अध्ययन करते आ रहे थे. लेकिन कुछ महीनों पहले जिला प्रशासन ने कंचनजंघा स्कूल के कागज-पत्र की जांच की और स्कूल को अवैध रूप से चाय बागान की जमीन पर बना बताया. इसके बाद गत अगस्त महीने में स्कूल भवन में नोटिस चिपका कर उसे अपने कब्जे में ले लिया था.
गोरखालैंड आंदोलन के दौरान इस स्कूल भवन में सुरक्षा बलों को रखा गया था. इन सब कारणों से पढ़ाई नहीं हो पा रही थी. गोजमुमो से जुड़े विद्यार्थी संगठन गोरखा जनमुक्ति विद्यार्थी मोर्चा ने इस मसले को लेकर जीटीए सभा के बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन के चेयरमैन विनय तमांग को पत्राचार किया. विमो के केंद्रीय प्रवक्ता संदीप छेत्री ने कहा कि जिलाधिकारी जयसी दास गुप्त और पुलिस अधीक्षक अखिलेश चतुर्वेदी से भी पत्राचार किया गया.
इसके बाद विनय तमांग से लाल कोठी में भेंट करके कंचनजंघा स्कूल खोलने की गुहार लगायी गयी. विनय तमांग ने इसे स्वीकार करते हुए स्कूल खोलने की पहल शुरू की. इसके तहत बीते सोमवार से स्कूल चालू हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन ने हम लोगों को लिखित रूप में स्कूल खोलने की अनुमति दी है. उन्होंने कहा कि भवन से पुलिस हटा दी गयी है. हम लोगों ने स्कूल संचालन का दायित्व जीटीए से उठाने की मांग भी विनय तमांग से की है.