सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम की वामबोर्ड को विफल साबित करने के लिए राज्य सरकार ने एक और पैंतरा अपनाया है. निगम का रूपया सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) को भेजा जा रहा है. निगम के रुपयों से एसजेडीए काम कर वाहवाही लूट रही है. उक्त आरोप सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने राज्य सरकार पर लगाया है.
मंगलवार दोपहर निगम के सभागार में पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री भट्टाचार्य ने कहा कि हाल ही में एसजेडीए ने निगम इलाके में डेंगू के खिलाफ प्रचार अभियान चलाया था. यहां तक कि एसजेडीए के चेयरमैन सौरभ चक्रवर्ती स्वयं घूम-घूमकर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कर रहे थे. उसके बाद उन्होंने मीडिया में नगर निगम पर फेल होने का आरोप लगाया था कहा कि निगम ने काम नहीं किया इसी कारण एसजेडीए को कमान संभालनी पड़ी है. मेयर अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार का गजट नोटिफिकेशन देखा है. स्टेट अर्बन डेवलपमेंट ऐजेंसी (सूडा) ने यह नोटिफिकेशन अपने वेबसाइट पर डाला है. इसी एजेंसी के माध्यम से नगर पालिकाओं को उसके पैसे दिये जाते हैं.
14 सिंतबर के एक नोटिफिकेशन में सूडा ने साफ कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में डेंगू के खिलाफ प्रचार अभियान चलाने के लिए एसजेडीए को 30 लाख रुपये आवंटित किये गये हैं. जाहिर है निगम के पैसे एसजेडीए को दे दिये गए. श्री भट्टाचार्य ने आगे कहा कि राज्य सरकार शुरूआत से ही सिलीगुड़ी नगर निगम में वामो बोर्ड को आर्थिक सहायता से वंचित कर रही है. निगम को संवैधानिक हक के रूपये भी नहीं दिये जा रहे हैं. जबकि पूरे वर्ष नगर निगम डेंगू के खिलाफ अभियान चलाती रही है. इस संबंध में उन्होंने सूडा सचिव को पत्र लिखा है.
राज्य सरकार की शिकायत वह केंद्रीय वित्त मंत्री तथा मेयर काउंसिल ऑफ इंडिया में भी करेंगे. श्री भट्टाचार्य ने आगे कहा कि आज डेंगू प्रचार का रूपया दिया है, कल निगम के अधीन सड़क मरम्मती का रूपया दिया जायेगा. इसका मतलब राज्य सरकार सिलीगुड़ी नगर निगम के अस्तित्व को समाप्त करना चाहती है. उन्होंने राज्य के नगरपालिका मामलों के मंत्रालय से इसपर जवाब मांगा है.