मालदा मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल अमित दां ने बताया कि प्रत्येक सौ बुखार पीड़ितों में पांच लोगों के शरीर में डेंगू के जीवाणु मिले हैं. मेडिकल कॉलेज में बुखार पीड़ित मरीजों के लिए अलग से एक विभाग चालू किया गया है. जहां मरीजों के भर्ती के साथ-साथ सभी प्रकार के इलाज सेवा देने की व्यवस्था की जा रही है. अज्ञात बुखार को लेकर हम चिंता में हैं. प्रतिदिन सैकड़ों मरीज भर्ती हो रहे हैं. रक्त जांच में डेंगू के जीवाणु मिल रहे हैं. हालांकि डेंगू से मौत की कोई खबर नहीं है. बुखार व डेंगू से मुकाबला करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने गुरुवार को बैठक बुलायी है. मेडिकल कॉलेज में गुरुवार सुबह दस बजे से यह बैठक होगी. आम तौर पर बुखार व डेंगू से मुकाबला करने के लिए क्या कदम उठाये जा सकते हैं, इसे लेकर चर्चा की जायेगी.
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि क्षेत्र के घर व आसपास के इलाकों को साफ-सुथरा रखना होगा. बस्ती व मवेशी रखने की जगह को भी साफ-सुथरा रखना होगा. दिन में कम से कम एक बार धुआं व ब्लीचिंग छिड़काव करने की व्यवस्था करनी होगी, मच्छरदानी का इस्तेमाल वांछनीय है.
इस वजह से अज्ञात बुखार हो रहा है. इस स्थिति में नगरपालिका शहर को साफ-सुथरा रखने की आवश्यकता है. इंगलिशबाजार नगरपालिका के वाइस चेयरमैन दुलाल सरकार ने बताया कि बुखार पीड़ितों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. प्रत्येक वार्ड से पार्षद ब्लीचिंग का छिड़काव कर रहे हैं. सड़क से कचरे की सफाई के साथ-साथ नालों की सफाई का काम तेजी से चल रहा है.
अलीपुरद्वार जंक्शन इलाके के डीएस कॉलोनी के रहनेवाले दीपांजन चौधरी (23) के खून में डेंगू के जीवाणु पाये गये. डॉक्टर सौम्यजीत दत्त ने बताया कि रोगी के ब्लड टेस्ट रिपोर्ट में अगर एनएस-1 पॉजिटिव एंटीजेन पाया गया तो इसका मतलब है कि मरीज के डेंगू से पीड़ित होने की संभावना है. चिकित्सकीय भाषा में इसे डेंगू ससपेक्टेड कहा जाता है. डेंगू ससपेक्टेड मरीज को पांच दिनों की कड़ी चिकित्सीय निगरानी में रखा गया है. रोज ब्लड जांच के माध्यम से प्लेटलेट्स काउंटिंग किया जाता है. पांच दिन बाद मैकअलाइजा टेस्ट किया जाता है. इस टेस्ट में पक्के तौर पर डेंगू पकड़ा जाता है.