गौरतलब है कि इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी राइट्स के तहत किसी खास भूभाग में पाए जाने या निर्मित होने वाले वस्तुओं को जियोग्राफिकल आइडेंटिफिकेशन का टैग दिया जाता है. इसका कारण यह है कि कोलकाता में बने आभूषणों की पूरे विश्व में खासकर संयुक्त अरब अमीरात, यूके आदि में काफी मांग है.
यह पूरी तरह से हस्तकला के अंतर्गत अाता है, जिसे यहां के कारीगरों द्वारा विशेष तरीके से तैयार किया जाता है. जो कि पृथ्वी के किसी अन्य भू-भाग में नहीं पाया जाता है. यह भी बता दें कि दार्जिलिंग की चाय, बंगाल की बालुचरी, नकाशी कांथा, वर्दवान का सीताभोग, जयनगर का मोआ भी इस तालिका में शामिल है. राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने बताया कि जल्द ही इन चीजों को जीआइ टैग मिल सकता है.