कोलकाता.
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने मंगलवार को ग्रामीण विकास मंत्रालय को पत्र लिख कर पूछा कि पश्चिम बंगाल में मनरेगा कार्य को फिर से शुरू करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को क्यों लागू नहीं किया गया है. अपने पत्र में लोकसभा सदस्य ने बताया कि उच्च न्यायालय ने 18 जून को केंद्र को निर्देश दिया था कि वह पश्चिम बंगाल में 100 दिन की रोजगार गारंटी योजना ‘मनरेगा’ को एक अगस्त से लागू करे. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में भी पत्र साझा किया. मोइत्रा ने पत्र में कहा : उच्च न्यायालय के अत्यंत सटीक और स्पष्ट निर्देशों को देखते हुए, मैं मंत्रालय से अत्यंत सम्मानपूर्वक पूछना चाहूंगी कि आदेश को लागू करने में यह अस्पष्टीकृत देरी क्यों हो रही है? एक अगस्त, 2025 की समय-सीमा के लगभग 10 दिन बीत चुके हैं और मंत्रालय स्पष्ट रूप से न्यायालय की अवमानना कर रहा है. उन्होंने कहा : इन परिस्थितियों में, मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करती हूं कि आप मामले पर तुरंत गौर करें और हमें स्पष्ट समय-सीमा बतायें कि आदेश का पूर्ण रूप से क्रियान्वयन कब होगा और बंगाल में मनरेगा का काम कब फिर से शुरू होगा. लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में 22 जुलाई को ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को फिर से शुरू करने के उच्च न्यायालय के आदेश का उनके मंत्रालय द्वारा अध्ययन किया जा रहा है.मंत्रालय के अनुसार, केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन न करने के कारण, मनरेगा अधिनियम, 2005 की धारा 27 के अनुसार, नौ मार्च, 2022 से पश्चिम बंगाल को मनरेगा के तहत धनराशि जारी करना बंद कर दिया गया है.
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