जीएसटी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन पर मुख्यमंत्री ने कसा तंज सीएम ने किया दावा: नयी जीएसटी नीति से राज्य को 20 हजार करोड़ का नुकसान, लेकिन लोगों के हित में कोई अफसोस नहीं कोलकाता. महालया की शाम दुर्गापूजा का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला. प्रधानमंत्री ने रविवार शाम केंद्र सरकार की नयी जीएसटी नीति को लेकर राष्ट्र को संबोधित किया. उस भाषण के दौरान मुख्यमंत्री दक्षिण कोलकाता में विभिन्न पूजा मंडपों का उद्घाटन कर रही थीं. मोदी के भाषण के बाद मुख्यमंत्री ने दक्षिण कोलकाता के 95 पल्ली स्थित मंच से बिना नाम लिए देश के प्रधानमंत्री पर हमला बोला. ममता ने कहा : कुछ लोग जीएसटी को लेकर बड़े-बड़े भाषण दे रहे हैं. मैं एक बात कहूंगी कि बीमा से लेकर जीएसटी में कमी करने के लिए सबसे पहले पत्र मैंने लिखा था. उन्होंने कहा कि हीरे पर कर नहीं है, लेकिन जीरा पर कर लगता है. लोग बहुत पीड़ित थे. आप जानते हैं इसका श्रेय किसे मिल रहा है? भाषण देने वालों को नहीं, बल्कि राज्य को जाता है. उन्होंने यह भी कहा : क्या आपको पता है कि इससे हमारे राज्य को कितना नुकसान हुआ है? मुफ्त राशन देते हैं. किसान मित्रों को देते हैं. कभी साइकिल देते हैं. कभी टैब देते हैं. हमने कहा है कि किसी भी बीमा का प्रीमियम नहीं बढ़ाया जाना चाहिए. इससे हमारे राज्य को 900 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. बाकी को मिला लें, तो लगभग 20 हज़ार करोड़ यह होता है. मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार पर राज्य को वंचित करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का कोई योगदान नहीं है, सिर्फ भाषण देने के अलावा. राज्य के जीएसटी से पैसा काट लिया गया है. मुझे इसका कोई दुख नहीं है. आम आदमी का काम हो रहा है. मुझे इस बात की खुशी है. इसके लिए राज्य को कोई मुआवजा नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा : हमारे यहां 100 दिन का काम रुका हुआ है. बंगाल में घरों का काम रुका हुआ है. सड़कों का काम रुका हुआ है. पानी का पैसा रुका हुआ है. सर्व शिक्षा अभियान का पैसा रुका हुआ है. राज्य में 156 कमेटियों ने दौरा किया है. यहां छिपकली भी भाग जाये, तो केंद्रीय कमेटी पहुंच जाती है. उत्तर प्रदेश में कुछ होता है, तो उन्हें दिखायी नहीं देता. बिहार में क्या हो रहा है, उन्हें कुछ भी दिखायी नहीं देता है. ममता ने साफ कहा कि जीएसटी का श्रेय राज्य को जाता है. मेरे राज्य के लोगों को जो लाभ मिलेगा, उसके लिए हमें 20 हजार करोड़ रुपये का राजस्व गंवाना पड़ रहा है. यह राज्य का जीएसटी है, केंद्र का नहीं. इसलिए पूजा के दिन लोग इसका लाभ उठायें. हम यही चाहते हैं कि आमलोगों को बीमा के लिए पैसे न देने पड़ें. आपको स्वास्थ्य बीमा के लिए पैसे नहीं देने पड़ते हैं. हम वह बीमा प्रदान करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा : हमें लगभग एक लाख 92 हजार करोड़ मिलते हैं और 20 हजार करोड़ रुपये चले गये. मुझे इसका कोई अफसोस नहीं है, लेकिन हमें वह दे दो, जो हमारा बनता है. उन्होंने यह भी कहा कि रुपये हमारे कट गये और प्रचार कोई और कर रहा है. यह एक अजब देश है. उन्होंने कहा कि पूरी जिम्मेदारी से कह रही हूं कि मुझे ये पैसे जुटाने पड़ेंगे, हम कहां से कर पायेंगे.
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