कोलकाता. पश्चिम बंगाल के सिंचाई मंत्री मानस भुइयां ने सोमवार को दावा किया कि डीवीसी उनकी सरकार के साथ किसी समन्वय के बिना हर दिन पानी छोड़ रहा है. उन्होंने बताया कि डीवीसी से पानी छोड़े जाने का कोई निश्चित “सुरक्षित स्तर ” नहीं है, क्योंकि बाढ़ का खतरा कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा और नदियों की जल वहन करने की वर्तमान क्षमता शामिल है. उन्होंने कहा, ‘डीवीसी के मैथन और पंचेत बांधों में गाद निकालने में वर्षों की उपेक्षा के कारण उनकी जल धारण क्षमता में भारी कमी आयी है.’ हालांकि उन्होंने इस बारे में तकनीकी विवरण नहीं दिया. श्री भुइयां ने आरोप लगाया कि डीवीसी पानी छोड़ने के संबंध में एकतरफा फैसले लेता है.उन्होंने आरोप लगाया, ‘डीवीसी के कदमों के जरिए केंद्र बंगाल के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है.’ राज्य के एक वरिष्ठ सिंचाई अधिकारी ने कहा कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है, क्योंकि क्षेत्र की नदियां हाल ही में हुई भारी वर्षा के कारण उफान पर हैं. डीवीसी ने तीन अक्तूबर को अपने जलाशयों से 70,000 क्यूसेक पानी छोड़ा था, जिसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने तीखी आलोचना की थी, क्योंकि निचले जिलों में बाढ़ की आशंका उत्पन्न हो गयी थी.
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