ओजस्वी भाषण से सबका खींचा ध्यान कोलकाता. भाषण खत्म कर जब पोडियम छोड़ कर जा रही थीं, उस समय सीटू के राज्य अध्यक्ष सुभाष मुखर्जी ने उसके माथे पर हाथ फेरा. राज्य माकपा सचिव मोहम्मद सलीम ने अपने संबोधन में भी इनका उल्लेख किया. यह मीनाक्षी मुखर्जी नहीं, बल्कि वन्या टुडू थीं. भले ही मीनाक्षी का नाम वक्ताओं की सूची में नहीं था, वन्या ने अपने ओजस्वी भाषण से मीनाक्षा की कमी पूरी कर दी. पिछले कई वर्षों से जिस युवा नेत्री मीनाक्षी ने लोगों का ध्यान खींचा है, उनका नाम वक्ताओं की सूची में नहीं होने पर कई वाम समर्थकों ने सवाल भी उठाये. मीनाक्षी को केंद्रीय कमेटी का सदस्य भी बनाया गया था. कई नेताओं का सवाल था कि युवा नेत्री को संबोधन का मौका दिया जाना चाहिए. उनका नाम शामिल होने पर भीड़ जुटेगी. हालांकि रविवार की रैली में भीड़ कम नहीं थी. हुगली की आदिवासी नेत्री वन्या के संबोधन की प्रशंसा मीनाक्षी ने भी की. संबोधन की शुरुआत में वन्या ने कहा कि कॉमरेड अच्छे हैं तो… भीड़ से आवाज आयी, हां. यह सुन कर वन्या ने कहा कि कैसे अच्छे हैं. यहां (राज्य) चोर और केंद्र में डकैत की सरकार चल रही है. फिर आप कैसे अच्छे हैं. हम क्या अच्छे रह सकते हैं. उन्होंने फिर पूछा कि अच्छे हैं तो… भीड़ से जवाब आया, नहीं. वन्या खेत-मजदूर संगठन के राज्य सचिव मंडली की सदस्य है. हुगली जिला कमेटी में भी वह सदस्य है. 50 साल की वन्या खुद भी खेती करती हैं. घर में पति, पुत्र व पुत्रवधू हैं. चार बकरियां भी हैं. बकरियों को लेकर खेत में रोज चराने भी जाती हैं. खेत में काम के अलावा घास भी काटती हैं. 2003 से 2011 तक वह गुड़ाप पंचायत की प्रधान थीं. कई नेताओं का दावा है कि पूर्व सांसद रूपचांद पाल ने वन्या की पहचान की थी. बिग्रेड रैली में जाते समय मीनाक्षी मुखर्जी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों व दंगईयों को यहां से खदेड़ना होगा.
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