हावड़ा.
उलबेड़िया पूर्व विधानसभा अंतर्गत खालिसानी गांव में कथित रूप से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के डर से एक श्रमिक ने फंदे से झूलकर खुदकुशी कर ली. मृतक का नाम जहीर माल (28) है. घटना की खबर पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. हालांकि घर से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. मृतक की पत्नी रोनिना बीबी ने बताया कि जहीर पिछले कुछ दिनों से एसआइआर को लेकर काफी परेशान था. पहचान पत्र में त्रुटियां होने की वजह से उसकी परेशानी बढ़ गयी थी. उसे इस बात की चिंता सता रही थी कि मतदाता सूची से नाम हट जाने के बाद उसे बांग्लादेश भेज दिया जायेगा. इसी के डर से उसने खुदकुशी कर ली. इस घटना की खबर मिलते ही तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने मंत्री पुलक राय को शोक संतप्त परिवार से मिलने का निर्देश दिया. श्री राय ने परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सहायता देने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि इस मौत के लिए भाजपा जिम्मेवार है. भाजपा जान-बुझकर एसआइआर प्रकिया शुरू कर लोगों को डरा रही है. जनता इसका जवाब देगी. क्या है मामला : जानकारी के अनुसार, जहीर माल प्रवासी श्रमिक था. कुछ दिनों पहले ही वह उलबेड़िया लौटा था. यहां वह बतौर दिहाड़ी मजदूर काम कर रहा था. वर्ष 2002 की मतदाता सूची में उसका नाम नहीं था. पत्नी ने बताया कि पिछले दिनों खालिसानी में भाजपा की ओर से एक सभा आयोजित की गयी थी.इस सभा में भाजपा नेताओं ने एसआइआर को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों को डराया- धमकाया था. तीन-चार दिनों से वह काम पर भी नहीं जा रहा था. मंगलवार सुबह कमरे के अंदर से उसका शव फंदे से झूलता हुआ बरामद किया गया. घटना की खबर पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया. वहीं, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अंबुज शर्मा ने तृणमूल कांग्रेस द्वारा लगाये गये सारे आरोप को गलत व बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस एसआइआर को लेकर लोगों को भ्रमित कर रही है. उल्लेखनीय है कि इसके पहले उत्तर 24 परगना और बीरभूम में एसआइआर को लेकर खुदकुशी करने का मामला सामने आया था.
2002 के वोटर लिस्ट में नहीं था नाम, एसआइआर के डर से किसान ने की आत्महत्याकोलकाता. मुर्शिदाबाद जिले की कांदी नगरपालिका के वार्ड- 12 में एक किसान ने कथित तौर पर एसआइआर प्रक्रिया को लेकर तनाव में आकर आत्महत्या कर ली. मृतक की पहचान माहुल शेख (45) के रूप में हुई है. परिवार के अनुसार, माहुल शेख का नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं था, जिससे वह पिछले कुछ दिनों से बेहद परेशान चल रहा था. परिजनों का कहना है कि वह यह सोचकर डर और चिंता में था कि एसआइआर प्रक्रिया के दौरान उसे नागरिकता से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. मंगलवार दोपहर वह खेत में काम कर रहा था, तभी उसने कीटनाशक पी लिया. पास के किसानों ने यह देख तुरंत परिजनों को सूचना दी. उसे बहरमपुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गयी है.
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