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एक भी वैध मतदाता का नाम कटा तो दिल्ली में करेंगे घेराव : अभिषेक

सांसद सह तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की घोषणा को लेकर मंगलवार को तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि इस कवायद का उद्देश्य बंगाल के वैध मतदाताओं को वोटर लिस्ट से बाहर करना और 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक संतुलन बिगाड़ना है.

कोलकाता.

सांसद सह तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की घोषणा को लेकर मंगलवार को तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि इस कवायद का उद्देश्य बंगाल के वैध मतदाताओं को वोटर लिस्ट से बाहर करना और 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक संतुलन बिगाड़ना है. उन्होंने पार्टी और राज्य की ओर से सख्त चेतावनी दी कि यदि एक भी वैध मतदाता का नाम हटाया गया तो एक लाख लोग नयी दिल्ली में चुनाव आयोग के कार्यालय का घेराव करेंगे और वे चुप नहीं बैठेंगे.

मंगलवार को तृणमूल भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में श्री बनर्जी ने पूछा कि एसआइआर सिर्फ बंगाल में ही क्यों चलाया जा रहा है, जबकि असम, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय और नगालैंड जैसे अन्य सीमावर्ती राज्य या तो बांग्लादेश या म्यांमार से सीमाएं साझा करते हैं. असम में जहां भाजपा की सरकार है, वहां एसआइआर क्यों नहीं हो रहा? यह स्पष्ट राजनीतिक भेदभाव है और बंगाल को टार्गेट कर इसे बदनाम करने की साजिश रची जा रही है.” तृणमूल सांसद ने आगे कहा- “एसआइआर का असली मकसद नामों को हटाना है, जोड़ना नहीं. अगर मतदाता सूची में ऐसी गड़बड़ी है, तो उस सूची पर हुए लोकसभा चुनावों की वैधता पर भी सवाल उठना चाहिए और यदि जरूरी हो तो फिर से चुनाव कराये जायें.” उन्होंने केंद्र सरकार और आयोग पर आरोप लगाया कि वे अब यह तय करना चाहते हैं कि कौन वोट दे सकेगा और कौन नहीं.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर निशाना साधते हुए तृणमूल नेता ने कहा, “मैं सांसद होने के नाते इन्हें चेतावनी देता हूं. आज नहीं तो कल सरकार बदलेगी. ‘ज्ञानेश बाबू’ देश छोड़कर भागना नहीं. जहां भी रहेंगे, हम खोल निकालेंगे. जनता के सामने ही जवाब देनी होगी. हमारे पास बहुत सारा डाटा है और समय आने पर वह सब जनता के सामने रखेंगे.”

इधर, श्री बनर्जी ने उत्तर 24 परगना के आगरपाड़ा में प्रदीप कर नामक एक व्यक्ति की अस्वाभाविक मौत और छोड़े गये सुसाइड नोट का जिक्र करते हुए कहा कि “मृतक ने अपनी सुसाइड नोट में एसआइआर और एनआरसी को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है. इसकी जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर है और इनके खिलाफ प्राथमिकी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इतनी अपमानजनक और राजनीतिक रूप से प्रेरित कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जायेगी.”

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