मेट्रो की सुरंग की वजह से कई मकानों में दरारें देखी गयी थीं
कोलकाता. उत्तर कोलकाता के बहूबाजार के 200 से अधिक निवासियों ने शुक्रवार को अधिकारियों पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए धरना दिया. वर्ष 2019 से पूर्व-पश्चिम मेट्रो सुरंग निर्माण के दौरान बार-बार जमीन धंसने की घटनाओं के कारण इन निवासियों के घरों को नुकसान पहुंचा है. तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय पार्षद विश्वरूप दे ने कहा कि एस्प्लेनेड-सियालदह खंड में दुर्गा पिटुरी लेन के किनारे कई पुराने घरों में ‘बड़ी दरारें’ आ गयी हैं, जिससे कई परिवार पिछले छह सालों से किराए के मकानों या रिश्तेदारों के यहां रहने को मजबूर हैं. बीबी गांगुली स्ट्रीट के पास विरोध प्रदर्शन के दौरान एक प्रभावित परिवार के सदस्य सौरव मुखर्जी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एस्प्लेनेड-सियालदह सहित तीन नये मेट्रो रूट का उद्घाटन किया है, लेकिन हममें से अधिकतर लोग रेलवे की उदासीनता के कारण अपने पुश्तैनी घरों से लगातार बाहर रह रहे हैं. क्या कोई बता सकता है कि हमें कब तक किराये के अपार्टमेंट में रहना पड़ेगा? हमारी क्या गलती है?’’ एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता मेट्रो रेलवे कॉरपोरेशन लिमिटेड (केएमआरसीएल) जल्द ही प्रभावित मकानों के पुनर्निर्माण और नवीनीकरण के लिए निविदाएं जारी करेगा, जिसके लिए कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के भवन विभाग से मंजूरी मिल चुकी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

