कोलकाता.
एसआइआर प्रकिया का पहला चरण संपन्न होने के बाद अब सुनवाई की बारी है. जिन मतदाताओं के दस्तावेजों में आयोग को शक है, उन्हें नोटिस भेजा जायेगा और अगले सप्ताह के मध्य से सुनवाई शुरू होगी. सुनवाई कहां होगी और वहां किस स्तर के अधिकारी होंगे, इसकी जानकारी पिछले दिनों सीइओ मनोज अग्रवाल ने दे दी है. सुनवाई के लिए दो नोटिस जारी किये जायेंगे. एक नोटिस संबंधित वोटर को दिया जायेगा और बीएलओ संबंधित वोटर के घर जाकर दूसरे नोटिस पर साइन करके अपने पास रखेंगे. नोटिस मिलने के बाद सुनवाई में जाने के लिए एक हफ्ते का समय दिया जायेगा. सुनवाई डीएम कार्यालय, एसडीओ या बीडीओ ऑफिस में ही होगा.हर दिन औसतन 100 वोटरों को सुनवाई के लिए बुलाया जायेगा. सुनवाई केंद्र में समुचित बैठने की जगह, पेयजल और शौचालय की सुविधा होगी. अगर किसी वजह से वोटर सुनवाई के लिए नहीं पहुंचते हैं, तो दूसरी तारीख में उन्हें आना होगा.
मतदाताओं को आज से भेजा जा सकता है नोटिसकोलकाता. एसआइआर के दूसरे चरण में सुनवाई के लिए वोटर को नोटिस भेजे जाने की प्रकिया गुरुवार से शुरू होने वाली थी, लेकिन यह अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है. कुछ खास वजहों से यह रुका हुआ है. हालांकि, आयोग के सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार से यह प्रकिया शुरू होने की संभावना है. बताया जा रहा है कि नोटिस अंग्रेजी भाषा में है. इससे कई वोटरों को दिक्कत हो सकती है, इसलिए नोटिस को क्षेत्रीय भाषाओं में भेजने की तैयारी चल रही है.
दो जगह से गणना फॉर्म भरने पर पहली बार कारण बताओ नोटिसकोलकाता. चुनाव आयोग ने दो अलग-अलग स्थानों से गणना फॉर्म भरने के एक मामले में पहली बार किसी मतदाता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. आयोग के अनुसार संबंधित मतदाता से इस मामले में लिखित जवाब मांगा गया है. आरोप है कि उक्त वोटर ने दो विधानसभा क्षेत्रों से गणना फॉर्म जमा किये हैं. इनमें एक फॉर्म उत्तर 24 परगना के अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र से भरा गया है, जबकि दूसरा उत्तर कोलकाता के श्यामपुकुर विधानसभा क्षेत्र से जमा किया गया. बताया जा रहा है कि एक फॉर्म पर मतदाता का स्वयं का हस्ताक्षर है, जबकि दूसरे फॉर्म पर किसी अन्य व्यक्ति के हस्ताक्षर पाये गये हैं. चुनाव आयोग ने नोटिस में स्पष्ट रूप से पूछा है कि क्या संबंधित मतदाता ने जान-बूझकर दो स्थानों से फॉर्म भरे हैं.
साथ ही यह भी सवाल किया गया है कि क्या परिवार के किसी सदस्य ने उनकी ओर से फॉर्म पर हस्ताक्षर किया था. आयोग ने कहा है कि यदि जांच में यह साबित होता है कि जान-बूझकर दो गणना फॉर्म भरे गये हैं, तो संबंधित मतदाता के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

