पातीपुकुर अंडरपास पर नहीं दिखी ‘स्विमिंग पूल’ जैसी तस्वीर
कोलकाता नगर निगम ने सुधारी जल निकासी व्यवस्था
संवाददाता, कोलकातामहानगर में मानसून की दस्तक के साथ ही दक्षिण दमदम का पातीपुकुर अंडरपास हमेशा चर्चा में रहता है. हर साल सोशल मीडिया पर यहां बारिश के पानी में डूबी बस की तस्वीरें वायरल होती रही हैं. लेकिन इस बार स्थिति बदली है. अंडरपास की जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने का जिम्मा कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने उठाया है. माॅनसून से पहले हुई तैयारी ः केएमसी के सीवरेज और ड्रेनेज विभाग ने मानसून शुरू होने से पहले ही अंडरपास की खामियों की पहचान कर आवश्यक सुधार कार्य किया. मेयर परिषद सदस्य तारक सिंह ने कई बार मौके का दौरा किया. उन्होंने बताया कि अंडरपास के ड्रेनेज लाइन में करीब 14 हजार टन सिल्ट जमा था, जिसमें से अब तक लगभग 600 टन सिल्ट हटाया जा चुका है. ड्रेजिंग कार्य फिलहाल जारी है और मानसून के बाद इसे बड़े पैमाने पर दोबारा शुरू किया जायेगा.शहरी विकास विभाग से मिला फंड
सिंह ने कहा कि दक्षिण दमदम नगर पालिका इस खर्च को वहन नहीं कर सकती, इसलिए शहरी विकास विभाग से आवंटित राशि से काम कराया जा रहा है. विभाग के मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम फंड जारी करने की अनुमति भी दे चुके हैं. पूजा के बाद व्यापक ड्रेजिंग कार्य किया जाएगा.बेहतर हुई कोलकाता की निकासी व्यवस्था
तारक सिंह ने बताया कि पिछले दस वर्षों में ड्रेनेज लाइनों से 20 लाख मैट्रिक टन सिल्ट निकाला गया है, जबकि 2010 से 2015 तक यह मात्र 1.44 लाख मैट्रिक टन था. सिल्ट हटाने से ड्रेनेज लाइनों की जल धारण क्षमता काफी बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि कोलकाता का 75 प्रतिशत पानी विद्याधरी नदी और 25 प्रतिशत हुगली नदी में छोड़ा जाता है. डी-सिल्टिंग को और मजबूत करने के लिए जल्द ही 110 नई बकेट मशीनें खरीदी जायेंगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

