कोलकाता.
राज्य में मनरेगा योजना की बहाली को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर जमकर हमला बोला. अदालत ने केंद्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. हाइकोर्ट ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि राज्य में 100 दिन के काम की योजना (मनरेगा) रोकी नहीं जा सकती और केंद्र को जल्द से जल्द भुगतान फिर से शुरू करना होगा.इस फैसले के बाद तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार किया. पार्टी ने कहा कि यह बंगाल के अधिकार और गरीबों की आजीविका की जीत है. तृणमूल ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि केंद्र ने तीन वर्षों से अधिक समय तक मनरेगा के धन को रोक कर बंगाल के ग्रामीण गरीबों से उनकी आजीविका छीन ली थी. यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई थी, जिसने संवैधानिक मर्यादा और नैतिकता दोनों का उल्लंघन किया. सांसद व तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने एक्स पर लिखा : सुप्रीम कोर्ट में भाजपा को करारा झटका लगा है. जब वे हमें राजनीतिक रूप से नहीं हरा सके, तो उन्होंने आर्थिक नाकेबंदी थोप दी. लेकिन बंगाल झुका नहीं. आज अदालत ने साबित कर दिया कि अन्याय ज्यादा दिन नहीं टिकता. तृणमूल नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने भी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा : 1.4 करोड़ मजदूरों का हक छीना गया था, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सुना. यह बंगाल के लोगों की जीत है.पार्टी प्रवक्ता तृणांकुर भट्टाचार्य ने कहा : यह भाजपा की बंगाल-विरोधी मानसिकता की कानूनी हार है. जिन्होंने गरीबों का हक छीना, वे अदालत में हारे हैं और अब जनता के वोट में भी हारेंगे.
तृणमूल ने केंद्र से मांग की है कि वह अदालत के आदेश का पालन करते हुए जल्द से जल्द रोकी गयी मनरेगा की धनराशि जारी करे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

