कोलकाता.
राज्य में 32 हजार प्राथमिक शिक्षकों को नौकरी से निकाले जाने के खिलाफ याचिका पर कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती की अध्यक्षता वाली खंडपीठ पर सुनवाई हुई. हालांकि, गुरुवार को भी मामले पर सुनवाई पूरी नहीं हुई. अब मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी. न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति ऋतोब्रत कुमार मित्रा की खंडपीठ इस मामले में एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें इन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी गयी थी. कार्यवाही के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) और नियुक्ति प्रक्रिया के बीच अंतर पर जोर दिया, जबकि न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती ने योग्य उम्मीदवारों की पहचान सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर टिप्पणी की.क्या है मामला : मई 2023 में, कलकत्ता हाइकोर्ट के तत्कालीन जज अभिजीत गांगुली ने नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितताओं को देखते हुए 32,000 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया था. ये आदेश उन याचिकाओं के आधार पर लिया गया था, जिनमें अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि कम नंबर पाने वाले कई उम्मीदवारों को भी नियुक्ति मिल गयी थी. राज्य सरकार ने इस आदेश को चुनौती देते हुए डिविजन बेंच में अपील की थी. हालांकि, अप्रैल 2025 में सुनवाई से पहले न्यायमूर्ति सौमेन सेन ने व्यक्तिगत कारणों से खुद को मामले से अलग कर लिया. इसके बाद यह मामला तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम को भेजा गया. अब यह मामला न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती की अध्यक्षता वाली नयी डिविजन बेंच के पास है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

