कोलकाता.
देश की सर्वोच्च अदालत ने राज्य के ओबीसी आरक्षण मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक शीर्ष अदालत में ओबीसी मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, तब तक हाइकोर्ट में मामलों पर सुनवाई स्थगित रहेगी. गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की पीठ ने आदेश दिया है कि कलकत्ता हाईकोर्ट राज्य में ओबीसी आरक्षण से जुड़े किसी भी मामले की सुनवाई तब तक नहीं कर पायेगा, जब तक सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती. इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में होने की संभावना है. गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शीर्ष अदालत में कहा कि राज्य सरकार को एक मामले में स्थगन आदेश मिलने के बावजूद, कलकत्ता उच्च न्यायालय कह रहा है कि वह पुराने मामले की सुनवाई करेगा.प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने यह सुनकर असंतोष व्यक्त किया कि कलकत्ता हाइकोर्ट ओबीसी आरक्षण के एक पुराने मामले की सुनवाई कर रहा है. उन्होंने कहा : जब हम मामले की सुनवाई कर रहे हैं, तो कलकत्ता हाइकोर्ट यह क्यों कह रहा है कि वह पुराने मामले की सुनवाई करेगा? प्रधान न्यायाधीश ने चेतावनी देते हुए कहा कि वे मामले में हाइकोर्ट में अगली सुनवाई के के लिए बेंच बदलने का आदेश भी दे सकते हैं.
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