17 घंटे बाद हिलेरी स्टेप के पास से बरामद किया गया शव
एक अन्य पर्वतारोही रूंपा दास की भी तबीयत बिगड़ी, कैंप 4 में हैं भर्ती
प्रतिनिधि, कल्याणी
दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल करने वाले नदिया जिले के राणाघाट निवासी व शिक्षक सुब्रत घोष का चोटी से उतरते समय निधन हो गया. उनका शव लगभग 17 घंटे बाद हिलेरी स्टेप के पास से बरामद किया गया. बागड़ा कपासती मिलोनबिथि हाइस्कूल के शिक्षक सुब्रत राणाघाट के खिड़की बागान लेन, वार्ड- 3 के निवासी थे. इस अभियान में राणाघाट की ही एक अन्य पर्वतारोही रूंपा दास भी शामिल थीं, जिन्होंने सफलतापूर्वक माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की. हालांकि, उतरते समय उनकी तबीयत बिगड़ गयी. फिलहाल वह कैंप 4 में ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं और उनकी स्थिति स्थिर बतायी जा रही है. यह उनकी दूसरी एवरेस्ट चढ़ाई थी. तीन साल पहले शारीरिक कारणों से उनकी कोशिश नाकाम रही थी. सुब्रत और रूंपा ने विगत गुरुवार दोपहर एवरेस्ट फतह किया था, जिसकी खबर मिलते ही राणाघाट में खुशी की लहर दौड़ गयी थी और सोशल मीडिया पर बधाइयों का तांता लग गया था. लेकिन यह खुशी ज्यादा देर नहीं टिक सकी. गुरुवार रात खबर आयी कि सुब्रत घोष नीचे उतरने में असमर्थ हैं. माना जा रहा है कि ऑक्सीजन की कमी और अत्यधिक थकान के कारण वह आगे नहीं बढ़ सके. काफी देर तक उनका पता न चलने पर चिंता बढ़ गयी और अंततः शुक्रवार सुबह उनकी मौत की पुष्टि हुई. स्नोई होराइजन ट्रेक्स के प्रबंध निदेशक बोधराज भंडारी ने सुब्रत घोष के निधन की जानकारी दी. फिलहाल सुब्रत का शव नीचे लाने की प्रक्रिया जारी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

