कोलकाता.
राज्यभर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो रही है. चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार, बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) मंगलवार से घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी एकत्र करना शुरू करेंगे. बीएलओ मतदाताओं के नाम, पता, पहचान और अन्य विवरणों को सत्यापित कर आयोग को रिपोर्ट करेंगे. कई लोगों के मन में यह सवाल है कि वे अपने बीएलओ को कैसे पहचानें, बीएलओ किस दिन उनके घर आयेंगे और अगर उस समय कोई घर पर न हो, तो क्या समस्या हो सकती है. आयोग ने बताया है कि बीएलओ घर-घर जाकर गणना फॉर्म देंगे और बाद में उसे भरवाकर ले जायेंगे. अगर किसी परिवार को जानकारी नहीं मिलती है, तो चिंता की बात नहीं. बीएलओ संबंधित क्षेत्र में एक बार नहीं, बल्कि जरूरत पड़ने पर तीन से चार बार जायेंगे, ताकि कोई परिवार छूट न जाये. बीएलओ की पहचान कैसे करें : बीएलओ से जुड़ी सभी जानकारी चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट और उसके मोबाइल ऐप ‘ecinet’ पर उपलब्ध है. यह ऐप प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर दोनों पर मौजूद है. इस ऐप में दो प्रमुख विकल्प हैं- बुक कॉल विथ बीएलओ और चुनाव अधिकारियों से जुड़ें. इन विकल्पों के माध्यम से कोई भी मतदाता अपने इलाके के बीएलओ का नाम, फोन नंबर और अन्य विवरण देख सकता है. बीएलओ की पहचान तीन आसान तरीकों से की जा सकती है. हर बीएलओ को आयोग की ओर से एक पहचान पत्र दिया गया है, जिस पर क्यूआर कोड अंकित है. इस कोड को स्कैन करके बीएलओ की जानकारी सत्यापित की जा सकती है. बीएलओ के पास एक विशेष किट बैग होगा, जिसमें गणना फॉर्म, दस्तावेज और आवश्यक सामग्री रहेगी. बीएलओ के पास प्रिंटेड गणना फॉर्म होंगे, जो वे मतदाताओं को भरने के लिए देंगे.गणना फॉर्म कैसा होगा : गणना फॉर्म में मतदाता का नाम, पता, मतदाता पहचान संख्या, विधानसभा क्षेत्र, बूथ और मतदान केंद्र संख्या पहले से मुद्रित होगी. फॉर्म में मतदाता की पुरानी तस्वीर भी होगी, साथ ही नयी तस्वीर चिपकाने के लिए स्थान दिया गया है. फॉर्म में मतदाता को अपना नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, माता-पिता या अभिभावक का नाम भरना होगा. इच्छानुसार आधार नंबर भी जोड़ा जा सकता है. फॉर्म के अंत में मतदाता और बीएलओ दोनों को हस्ताक्षर करने होंगे.
एक माह में कैसे होगा काम पूरा2002 में हुए एसआइआर को पूरा होने में दो वर्ष लग गये थे. इस बार विपक्ष ने सवाल उठाया है कि इतनी बड़ी प्रक्रिया को बीएलओ एक महीने में कैसे पूरा करेंगे. आयोग ने जवाब में कहा है कि प्रत्येक बूथ पर औसतन 1200 मतदाता हैं. यदि बीएलओ प्रतिदिन 15 से 20 घरों का दौरा करें, तो यह प्रक्रिया एक महीने में पूरी हो सकती है.
दस्तावेजों को लेकर क्या है निर्देशअगर किसी व्यक्ति का नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं है, तो भी घबराने की आवश्यकता नहीं है. यदि आपके माता-पिता का नाम 2002 की सूची में दर्ज है, तो आपको कोई अतिरिक्त दस्तावेज नहीं देना होगा. आयोग ने बताया कि 11 मान्य दस्तावेजों के अलावा नागरिकता सिद्ध करने वाला कोई भी प्रमाणपत्र या दस्तावेज भी स्वीकार्य होगा.
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