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SIR 2025-26: बीएलओ पर काम के दबाव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों को दिये निर्देश

SIR News Today : एसआईआर के काम के दबाव में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बीएलओ की हो रही कथित मौतों और उन पर अत्यधिक काम का दबाव डालने संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई की. सुप्रम कोर्ट ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि अगर बीएलओ पर काम का दबाव है, तो उनका दबाव कम करने के लिए अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती करके उनके काम के दबाव को घटाया जा सकता है. कोर्ट ने और क्या-क्या कहा, यहां पढ़ें.

SIR News Today: विधानसभा चुनावों से पहले देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशं में चल रहे समयबद्ध विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में जुटे बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) पर कामकाज का अत्यंत दबाव होने के आरोपों के बीच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों को अहम निर्देश दिया है. इससे जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए बृहस्पतिवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से शीर्ष अदालत ने कहा कि वे और अधिक कर्मचारियों को तैनात करें, ताकि बीएलओ के कामकाज के घंटों में कमी लायी जा सके.

विजय की पार्टी टीवीके की याचिका पर हुई सुनवाई

अभिनेता विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. याचिका में निर्वाचन आयोग को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि समयबद्ध तरीके से ड्यूटी न निभाने के लिए बीएलओ के खिलाफ प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाये. सुनवाई चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने की.

‘आयोग के अधिकारी डाल रहे दबाव, कई बीएलओ की मौत’

चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने टीवीके की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन की दलीलों पर सुनवाई की. याचिका में अपील की गयी थी कि कुछ निर्देश जारी किये जाने की जरूरत है, क्योंकि चुनाव आयोग के अधिकारियों की ओर से दबाव डाले जाने के कारण कई बीएलओ की मौत हो चुकी है.

काम पूरा करने में विफल बीएलओ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा रहा चुनाव आयोग – टीवीके

अधिवक्ता शंकरनारायणन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि काम पूरा करने में विफल रहने पर बीएलओ के खिलाफ निर्वाचन आयोग के अधिकारी प्राथमिकियां भी दर्ज करा रहे हैं. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि राज्य सरकार काम का दबाव कम करने के लिए अतिरिक्त कर्मचारी तैनात करने पर विचार कर सकती है.

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SIR News Today: बीएलओ की परेशानियां दूर कर सकती हैं राज्य सरकारें – सुप्रीम कोर्ट

पीठ ने कहा कि यदि वे सामान्य जिम्मेदारियों के साथ-साथ चुनाव आयोग द्वारा सौंपे गये अतिरिक्त कार्य के दौरान परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो राज्य सरकार उनकी परेशानियां दूर कर सकती है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकारें ‘चुनाव आयोग के अधीन अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात करने की आवश्यकता पर विचार कर सकती हैं, ताकि कामकाज के घंटे आनुपातिक रूप से कम किये जा सकें.’

चीफ जस्टिस बोले- छुट्टी लेने वालों की जगह अन्य कर्मचारी को तैनात करें राज्य

चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यदि किसी कर्मचारी के पास एसआईआर ड्यूटी से छूट मांगने का कोई ‘विशिष्ट कारण’ है, तो राज्य सरकार का संबंधित अधिकारी ऐसे अनुरोधों पर मामलों के आधार पर विचार कर सकता है. उस कर्मचारी की जगह किसी अन्य को तैनात कर सकता है.

चुनावी राज्यों में कर्मचारियों की तैनाती बढ़ाये राज्य – कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हालांकि, यह न समझा जाये कि यदि उनके विकल्प उपलब्ध नहीं कराये गये हैं, तो वे ड्यूटी पर नियुक्त कर्मचारियों को वापस बुला सकते हैं. आदेश में यह भी कहा गया कि जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एसआईआर जारी है, उन पर चुनाव आयोग के अधीन आवश्यक कर्मचारी तैनात करने का दायित्व होगा. हालांकि ऐसे कर्मचारियों की संख्या उपरोक्त कारणों के आधार पर बढ़ायी जा सकती है.

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Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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