कोलकाता.
राज्य की शिक्षा व्यवस्था को लेकर राजनीतिक विवाद एक बार फिर तेज हो गया है. राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार को एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट कर ममता बनर्जी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि शिक्षा अवैतनिक (नि:शुल्क) होने के बावजूद राज्य सरकार छात्रों से विभिन्न तरीकों से पैसे वसूलने की कोशिश कर रही है. शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद की एक हालिया अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा कि 2026 की उच्च माध्यमिक परीक्षा के लिए नामांकन के दौरान छात्रों को अनिवार्य रूप से निर्धारित शुल्क जमा करना होगा. इसके अलावा परीक्षार्थियों से अलग से सेंटर फीस लेने का भी निर्देश दिया गया है, जिसे उन्होंने पूरी तरह गलत और अवैध बताया.अधिकारी ने दावा किया कि केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा शुरू किया गया सर्व शिक्षा अभियान, जिसे बाद में समग्र शिक्षा अभियान में विलय किया गया, स्पष्ट रूप से यह सुनिश्चित करता है कि प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक सभी छात्रों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा मिले. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा शुल्क वसूली का उद्देश्य क्या है, इसे लेकर उन्होंने गंभीर सवाल उठाये.
कहा : भ्रष्टाचार व सरकारी उदासीनता के कारण हजारों स्कूल बंदी के कगार परपोस्ट में शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार, शिक्षकों की भारी कमी, बुनियादी ढांचे के टूटने और सरकारी उदासीनता के कारण हजारों सरकारी स्कूल बंद होने की कगार पर हैं. उनका कहना है कि सरकार का असल उद्देश्य अभिभावकों को मजबूर करना है कि वे अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजें, जिससे सत्तारूढ़ दल के करीबी निजी शिक्षा संस्थानों को आर्थिक लाभ मिल सके. शुभेंदु अधिकारी ने अपनी पोस्ट के अंत में मांग की कि छात्रों से ली जा रही यह फीस तुरंत बंद की जाये. साथ ही जिन छात्रों से पहले ही पैसा वसूला जा चुका है, उन्हें पूरी राशि तुरंत लौटायी जाये.
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