संवाददाता, कोलकाता
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कलकत्ता हाइकोर्ट में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दुष्कर्म एवं हत्या की शिकार प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के माता-पिता की याचिका पर सोमवार को सुनवाई शुरू हुई. याचिका में जांच में लापरवाही का आरोप लगाया गया है. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश तीर्थंकर घोष ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) से आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पिछले साल अगस्त में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में जांच की स्थिति पर स्पष्टीकरण मांगा. अदालत ने सीबीआइ से अगली सुनवाई में कुछ अहम सवालों के जवाब देने के लिए कहा है. गौरतलब है कि सीबीआइ इस मामले में पहले ही एक चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, लेकिन अदालत ने आगे की जांच और दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट की स्थिति पर जानकारी मांगी है. हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह केवल केस डायरी की समीक्षा करेगी, न कि किसी औपचारिक रिपोर्ट की. उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाइकोर्ट ने अगस्त 2024 में इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी थी. यह मामला तब चर्चा में आया जब 31 वर्षीय जूनियर डॉक्टर की आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी थी. इस घटना के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया और कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ संदीप घोष को इस्तीफा देना पड़ा. इस मामले की जांच 13 अगस्त 2024 को सीबीआइ को सौंप दी गयी थी. इसके बाद, सीबीआइ ने दो सितंबर को डॉ संदीप घोष को गिरफ्तार किया, जब अदालत ने एजेंसी को कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की जांच करने का आदेश दिया. हालांकि, सीबीआइ 90 दिनों की निर्धारित अवधि के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं कर पायी, जिसके कारण 13 दिसंबर 2024 को कोलकाता की एक अदालत ने घोष को जमानत दे दी.हाइकोर्ट ने सीबीआइ से क्या कहा
हाइकोर्ट ने सीबीआइ से पूछा कि आरजीकर मेडकिल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से सामूहिक दुष्कर्म हुआ था या नहीं? कोर्ट ने कहा: इस घटना की जांच करते वक्त आपको (सीबीआइ) कहीं भी क्या ऐसा लगा कि वारदात को अंजाम देने में और भी शामिल हो सकते हैं? संजय राय के खिलाफ किन-किन धाराओं में मामला किया गया था, जिसके आधार पर उसे सजा सुनायी गयी. इसकी जानकारी हाइकोर्ट को देनी होगी. हाइकोर्ट ने पूछा है कि क्या सीबीआइ ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 70 लागू करने पर विचार किया, विशेष रूप से तब जब कई संदिग्ध शामिल हो सकते हैं?मामले में संजय राय को हो चुकी है आजीवन कारावास की सजा
इस मामले में मुख्य आरोपी संजय राय, जो कि कोलकाता पुलिस का एक सिविक वॉलेंटियर था, को घटना के एक दिन बाद 10 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया गया था. इस साल जनवरी में एक विशेष अदालत ने 57 दिनों तक चले बंद कमरे में सुनवाई के बाद उसे दुष्कर्म और हत्या का दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनायी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

