मरम्मत कार्य के लिए 18 जूनियर डॉक्टरों से ली गयी थी सहमति कोलकाता. आरजी कर अस्पताल में जूनियर महिला चिकित्सक से रेप के बाद हत्या की गुत्थी उलझती ही जा रही है. इस बीच, यह भी पता चल चुका है कि अस्पताल के सेमिनार कक्ष के पास स्थित डॉक्टर्स रेस्ट रूम का मरम्मत कार्य अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष के निर्देश पर हुआ था. जानकारी के अनुसार, चेस्ट मेडिसिन के कई जूनियर डॉक्टरों की सहमति पर मरम्मत कार्य शुरू किया गया था. सूत्रों के मुताबिक, घटना के अगले ही दिन सेमिनार रूम के बगल वाले हिस्से को तोड़ने का ब्लू प्रिंट तैयार किया गया था. आरोप है कि स्वास्थ्य भवन को अंधेरे में रखकर ब्लू प्रिंट तैयार किया गया था. मरम्मत कार्य कराने को लेकर सहमति के तौर पर चेस्ट मेडिसिन विभाग के 18 जूनियर डॉक्टरों के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी लिये गये थे. लेकिन जूनियर डॉक्टर डॉक्टर्स रूम तोड़ने पर क्यों राजी हुए? यह सवाल अब भी बना हुआ है. सवाल उठ रहे हैं कि किसी ने विरोध क्यों नहीं किया. कब शुरू होगा मरम्मत कार्य, इसकी नहीं दी गयी थी जानकारी : जूनियर डॉक्टर इस संबंध में एक जूनियर डॉक्टर ने बताया कि उन लोगों ने निर्माण कार्य के लिए हस्ताक्षर किये थे. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि मरम्मत कार्य कब शुरू होगा. दावा किया जा रहा है कि जूनियर डॉक्टरों को अंधेरे में रख कर हस्ताक्षर कराये गये थे. हस्ताक्षर करनेवाले एक छात्र ने बताया कि इस घटना की जानकारी सीबीआइ को दी जा चुकी है. जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि हत्याकांड के बाद से ही हम धरने पर थे. इसका फायदा उठाते हुए मरम्मत कार्य शुरू किया गया था. हमें यह नहीं बताया गया कि वहां काम कब से शुरू होगा. लेकिन, जब काम चल रहा था, तो वहां पुलिस की तैनाती थी. ऐसे में घटनास्थल की निगरानी को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं. उस जगह की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं. पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है.
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