संवाददाता, कोलकाता
महानगर में गणेश चतुर्थी उत्सव की लोकप्रियता बढ़ने के साथ ही कुछ पूजा समितियां राष्ट्रीय गौरव, बलिदान व सांस्कृतिक विविधता जैसे विषयों पर बल देते हुए इस त्योहार को और अधिक गहरा अर्थ देने में जुटी हैं. आयोजकों ने रविवार को यह जानकारी दी.
उत्तर-पूर्व कोलकाता के बागुईहाटी क्षेत्र में ‘एक्जीक्यूटिव पैलेस कॉम्प्लेक्स’ अपनी गणेश पूजा को पहलगाम के आतंकवादी हमले में जान गंवाने वाले 26 लोगों और भारतीय सेना तथा सीमा बलों की वीरता को समर्पित कर रहा है. उसके आयोजकों ने यह जानकारी दी. आयोजन समिति के एक प्रवक्ता ने कहा : पंडाल में मूर्ति के बगल में एक लड़ाकू विमान का मॉडल रखा जायेगा, जो पहलगाम आतंकी हमले पर भारत की जवाबी कार्रवाई और हमारे सशस्त्र बलों की वीरता का प्रतीक होगा. ‘वीर गणेश-रक्षा के देवता’ शीर्षक वाले इस पंडाल को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तस्वीरों से सजाया जायेगा.
पूजा समिति के सचिव अंकित अग्रवाल ने कहा कि मूर्ति में देवी पार्वती को बाल गणेश को गले लगाते हुए दिखाया जायेगा, जो शक्ति और करुणा के बीच पूर्ण सामंजस्य का प्रतीक है. यह मूर्ति इस बात की याद दिलायेगी कि न्याय के रक्षक प्रेम और एकता के भी प्रतीक हैं.
सॉल्टलेक के निकट पीएनबी क्रॉसिंग पर युवक संघ की गणेश पूजा में संथाली संस्कृति, रीति-रिवाजों, गीतों पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है और मूर्ति को बंगाल के ””””जंगलमहल”””” क्षेत्र की मिट्टी से बनी लाल मिट्टी की डिस्क से सुसज्जित मंडप में स्थापित किया जायेगा. प्रमुख आयोजकों में से एक अनिंद्य चटर्जी ने कहा : यह मूर्ति गणेश का एक विशिष्ट बंगाली संस्करण होगी- न कि मुंबई वाले गणपति, जिसे ‘जंगलमहल’ क्षेत्र की प्रतीक लाल मिट्टी की डिस्क से सजाये गये एक शिविर में स्थापित किया जायेगा.
भवानीपुर गणेश पूजा की शुरुआत मुंबई के प्रवासियों ने की थी. इसमें विशिष्ट महाराष्ट्र शैली और प्रभाव देखने को मिलता है और इसमें 13 फुट से ज्यादा ऊंची मूर्ति स्थापित की जाती है. यह उत्सव 27 अगस्त को 500 से ज्यादा गणेश चतुर्थी समारोहों के साथ आयोजित होगा.
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