बिना डॉक्टर के इलाज और गलत तरीके से इंजेक्शन लगाने का आरोप
संवाददाता, कोलकाता
बिना डॉक्टर के इलाज और गलत तरीके से इंजेक्शन लगाने के आरोप में वेस्ट बंगाल क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन ने मोमिनपुर स्थित बेलोना नर्सिंग होम को बंद करने का आदेश दिया है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग को मामले की जांच करने का निर्देश भी दिया गया है. आयोग ने नर्सिंग होम पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कमीशन के चेयरमैन एवं पूर्व जस्टिस असीम कुमार बनर्जी ने बताया कि शिकायत अल्का राय नामक महिला ने दर्ज करायी थी. छह अगस्त को हुई पहली सुनवाई के बाद पाया गया कि अस्पताल मालिक के सहायक अविनाश कुमार ने खुद को रेसिडेंट मेडिकल ऑफिसर (आरएमओ) बताकर प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला का इलाज किया. उसने न केवल प्रिस्क्रिप्शन दिया बल्कि इंजेक्शन भी लगाया, जिसके बाद महिला का गर्भपात हो गया. बाद में परिजनों को पता चला कि अविनाश डॉक्टर नहीं, बल्कि अस्पताल मालिक का सहायक है. आयोग ने इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए नर्सिंग होम को बंद करने और नये मरीजों की भर्ती रोकने का आदेश दिया. हालांकि, आयोग ने यह भी कहा कि इंजेक्शन लगाने से गर्भपात हुआ, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है. जुर्माने की राशि को मरीज के परिजनों ने लेने से इनकार किया, जिसके बाद इसे रामकृष्ण मिशन को सौंप दिया गया. नर्सिंग होम की ओर से आयोग से आदेश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया है. प्रबंधन का कहना है कि भर्ती बंद होने से डायलिसिस मरीजों और कई कर्मचारियों की आजीविका प्रभावित हो रही है.
उधर, स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को अस्पताल का निरीक्षण किया, लेकिन अब तक जांच रिपोर्ट आयोग को नहीं सौंपी गयी है. इस मामले की अगली सुनवाई आठ सितंबर को होगी, जिसमें नर्सिंग होम के भविष्य पर अंतिम निर्णय लिया जायेगा.
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