कोलकाता. नेशनल मेडिकल कॉलेज में 50 लाख रुपये की नयी लेजर मशीन लगायी गयी है. यह मशीन अस्पताल के डर्मेटोलॉजी विभाग में लगायी गयी है. मुंहासों के उपचार लिए अस्पताल प्रबंधन ने इस मशीन को खरीदा है. बता दें कि किशोरावस्था में मुंहासों से चेहरे पर अनगिनत निशान हो जाते हैं. इन निशानों की वजह के कई बार लड़कियों को शादी के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अस्पताल में हाल में बांकुड़ा के केथरडांगा की रहने वाली प्रिया दास की उक्त मशीन से चिकित्सा की है. त्वचा रोग विभाग में उक्त लेजर मशीन की मदद से चेहरे के दाग-धब्बे मिटाये गये. बता दें कि निजी अस्पतालों में इन निशानों को हटाने के लिए कई सिटिंग करनी पड़ती है. प्रत्येक सिटिंग का खर्च 10,000 रुपये तक आ सकता है. इस संबंध में स्किन विभाग के डॉ अभिषेक दे ने बताया कि दो दशक पहले सरकारी अस्पताल का त्वचा रोग विभाग एक कमरे था. अब यह एक मल्टीस्पेशियलिटी विभाग बन चुका है. यहां एक नया ओपीडी बनाया गया है. त्वचा संबंधी इलाज के लिए माइनर से मेजर ओटी तक की व्यवस्था की गयी है. डॉ अभिषेक दे ने बताया कि अस्पताल में मास्टर इन मेडिसिन (एमडी) के नौ छात्र हैं. त्वचा रोग विभाग में चार सीनियर रेजिडेंट हैं. त्वचा रोग विभाग में प्रतिदिन लगभग 600 मरीज आते हैं. उन्होंने बताया कि नेशनल मेडिकल कॉलेज में तीन लेजर मशीनें हैं.
इन अत्याधुनिक मशीनों से लड़कियों के चेहरे के अनचाहे बाल हटाना संभव है. अस्पताल में व्हाइटहेड्स (बंद मुंहासे) का अत्याधुनिक इलाज भी हो रहा है.
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