कोलकाता. केंद्र सरकार के निर्देशानुसार पश्चिम बंगाल सरकार ने भी उम्मीद पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण शुरू किया है. हालांकि, इसी बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह वक्फ की संपत्तियों को छीनने नहीं देंगी. इसे लेकर राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी सत्तारूढ़ सरकार पर लगातार निशाना साध रही है और आरोप लगा रही है कि राज्य सरकार जान-बूझकर पंजीकरण प्रक्रिया में देरी कर रही है. इसी खींचतान के बीच नदिया और मुर्शिदाबाद जिले ने राज्य में वक्फ संपत्ति पंजीकरण के मामले में मिसाल कायम की है. राज्य वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शाहिदुल्लाह मुंशी ने कहा कि इन दोनों जिलों में ””””उम्मीद”””” पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने में सबसे अच्छी सफलता मिली है. वक्फ बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक पंजीकरण के काम में नदिया ज़िला राज्य में सबसे आगे है. नदिया में कुल 1199 वक्फ प्रॉपर्टी में से 1102 प्रॉपर्टी पोर्टल पर पहले ही रजिस्टर हो चुकी हैं. 92 प्रतिशत संपत्तियों का पंजीकरण उम्मीद पोर्टल पर किया जा चुका है. नदिया के बाद मुर्शिदाबाद ज़िला इस सूची में दूसरे नंबर पर है. इस ज़िले में कुल 4486 वक्फ संपत्तियों में से 3,471 संपत्तियों की जानकारी ””उम्मीद”” पोर्टल पर अपलोड की जा चुकी है.
इसी बीच, बुधवार को राज्य सरकार ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि सिर्फ पोर्टल पर नाम पंजीकरण से जमीन केंद्र की नहीं हो जायेगी. इसलिए इससे डरने की जरूरत नहीं है. बताया गया है कि इस प्रकार की बातें पूरी तरह गलत है. बताया गया है कि मालदा और हावड़ा ज़िलों में भी करीब 40 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. बाकी ज़िलों में भी पंजीकरण का काम चल रहा है. ज़िला और ब्लॉक स्तर पर हेल्प सेंटर खोले गये हैं.
राज्य प्रशासन ने बुधवार को कहा कि पांच दिसंबर तक जानकारी अपलोड करने की डेडलाइन को लेकर जो पैनिक बनाया गया था, वह भी बेबुनियाद है. राज्य सरकार ने बताया कि यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हिसाब से किया जा रहा है. जो लोग टाइम की कमी की वजह से काम पूरा नहीं कर पाए, उन्हें डरने की कोई बात नहीं है.
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