कोलकाता.
हिमाचल प्रदेश की एक दवा कंपनी द्वारा तैयार की गई दवाओं के इस्तेमाल पर पश्चिम बंगाल में रोक लगा दी गयी है. इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों को सूचित कर दिया है, ताकि वे प्रतिबंधित दवा कंपनी द्वारा निर्मित दवाओं का उपयोग न करें. दवा कंपनी पर लगी रोक : इस विषय में स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि, हिमाचल प्रदेश के ड्रग कंट्रोल द्वारा दवा कंपनी ””एफी पैरेंटेरल्स”” को दवाओं के उत्पादन पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया है. यह सूचना मिलते ही राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सक्रियता के साथ राज्य भर के मेडिकल कॉलेजों को उक्त निर्देश जारी किया है.अधिकारी ने बताया कि इस कंपनी की दवाएं मेडिकल कॉलेजों के इनडोर मरीजों को दी जाती थीं. कंपनी की 11 तरह की दवाओं का इस्तेमाल होता था. कंपनी विशेष रूप से कैंसर की दवा की आपूर्ति करती थी.
विकल्पों का इस्तेमाल करने का निर्देश : ऐसे में मेडिकल कॉलेजों को निर्देश दिया गया है कि वे उक्त कंपनी द्वारा निर्मित किसी भी दवा का इस्तेमाल न करें. इन दवाओं के विकल्प के तौर पर दूसरी कंपनियों की दवाओं को इस्तेमाल में लाने का निर्देश दिया गया है. वहीं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध दवाओं को खरीदने का भी निर्देश दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

