ड्यूटी के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती या मजिस्ट्रेट पावर देने की सिफारिश
कोलकाता. एसआइआर कार्य का जायजा लेने के दौरान चुनाव आयोग के विशेष पर्यवेक्षक सी मुरुगन को गुरुवार दक्षिण 24 परगना के फलता स्थानीय तृणमूल कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा था. इस घटना के बाद राज्य में चुनाव के लिए नियुक्त किये गये पर्यवेक्षक की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती या पर्यवेक्षक को मजिस्ट्रेट पावर देने के लिए मुख्य चुनाव आयोग के पास एक पत्र भेजा गया है. बता दें कि, आयोग ने राज्य में अभी एक स्पेशल पर्यवेक्षक, तीन डिविजनल पर्यवेक्षक के अलावा जिलों का काम देखने के लिए 12 पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया है. फलता में हुई घटना के बाद सभी पर्यवेक्षक की सुरक्षा बढ़ाने की सिफारिश की गयी है. केंद्रीय बलों की तैनाती करने में परेशानी होने पर पर्यवेक्षक को मजिस्ट्रेट पावर देने का प्रस्ताव दिया गया है. मालूम रहे कि, काम के दौरान पर्यवेक्षक की सुरक्षा के लिए साथ में राज्य पुलिस रहती है, लेकिन अप्रिय घटना के समय ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी अपने अधिकारी का आदेश लेकर ही आगे की कार्रवाई करते हैं, जबकि पर्यवेक्षक को मजिस्ट्रेट पावर मिलने पर साथ में रहने वाले पुलिसकर्मियों को अपने सीनियर अधिकारी का आदेश लेने की जरूरत नहीं होगी. पुलिसकर्मी पर्यवेक्षक के आदेश को मानेंगे.
वहीं, गुरुवार को कृष्णानगर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान को लेकर भी सवाल उठा है. आयोग से उनके दिये गये बयान की जांच करने के लिए कहा गया है.
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