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एसआइआर पर कल्याण व सुकांत के बीच जुबानी जंग

पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार के बीच शुक्रवार को हुई जुबानी जंग में व्यक्तिगत ताने मारे गये और गाली-गलौज तक की नौबत आ गयी.

तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने अपने चुनाव क्षेत्र श्रीरामपुर का दौरा करने की दी चुनौती

सुकांत बोले- चुनौती स्वीकार है

संवाददाता, कोलकाता

पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार के बीच शुक्रवार को हुई जुबानी जंग में व्यक्तिगत ताने मारे गये और गाली-गलौज तक की नौबत आ गयी. यह वाकयुद्ध उस वक्त शुरू हुआ, जब पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने चेतावनी दी कि अगर एसआइआर कवायद को लेकर कोई अशांति फैली तो केंद्रीय बलों को तैनात किया जा सकता है और यहां तक कि गोलीबारी भी हो सकती है. उनकी टिप्पणी पर श्रीरामपुर से तृणमूल सांसद बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और मजूमदार पर बंगाल के मतदाताओं को धमकाने का आरोप लगाया तथा उन्हें अपने (बनर्जी के) निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने की चुनौती दी. चार बार के सांसद कल्याण बनर्जी ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा, ‘निर्वाचन आयोग को एक भी सही मतदाता का नाम हटाने दो और फिर देखो क्या होता है. हम सब कुछ ठप कर देंगे.’ उन्होंने कहा, ‘जो लड़का मंत्री बन गया है, उसे बता दो कि सीआइएसएफ की गोलियां उसे लगेंगी. हिम्मत है तो श्रीरामपुर आओ. देखते हैं तुम घर कैसे जाते हो.’ श्री बनर्जी ने केंद्रीय मंत्री को ””तुई टोकरी”” (एक अपमानजनक बांग्ला शब्द, जिसका अर्थ ””””बेकार आदमी”””” है) कहा. श्री मजूमदार ने पलटवार करते हुए कहा कि बनर्जी की टिप्पणी ‘मानसिक स्थिरता खोने और राजनीतिक शालीनता के क्षरण’ को दर्शाती है. श्री मजूमदार ने बालुरघाट में संवाददाताओं से कहा कि एक मौजूदा सांसद एक केंद्रीय मंत्री को गोली मारने की धमकी दे रहे हैं, जो उनकी मानसिक स्थिति को दर्शाता है. भाजपा नेता ने कहा कि ऐसे लोग सक्रिय राजनीति के लिए उम्र सीमा को पार कर गये हैं और उन्हें वृद्धाश्रम भेज देना चाहिए. भाजपा नेता ने कहा कि कल्याण बनर्जी बच्चों की तरह बातें कर रहे हैं और उन्हें पता ही नहीं कि वह क्या कह रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं उनकी चुनौती स्वीकार करता हूं. मैं कल श्रीरामपुर जा रहा हूं. देखते हैं कि वह कितना बड़ा ””बापेर बेटा”” (अपने बाप की औलाद) हैं.’ इस वाकयुद्ध ने भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच तनाव को फिर से बढ़ा दिया है. दोनों पक्ष एक-दूसरे पर राजनीतिक लाभ के लिए एसआइआर प्रक्रिया में हेरफेर करने का आरोप लगा रहे हैं.

तृणमूल ने जहां मजूमदार की टिप्पणियों को भड़काऊ बताया और ‘मतदाताओं को आतंकित करने’ के मकसद वाला बताया, वहीं भाजपा ने अपने नेता का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने केवल यह दोहराया था कि एसआइआर की कवायद के दौरान कानून-व्यवस्था बरकरार रखी जायेगी. श्री मजूमदार के शनिवार को श्रीरामपुर जाने के साथ, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह टकराव भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व और तृणमूल के स्थानीय नेताओं के बीच एक प्रतीकात्मक ‘जोर आजमाइश’ का रूप ले चुका है.

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