कुंदन झा, हावड़ा
कालीपूजा और दिवाली से पहले राज्य में फूलों की कीमतें सातवें आसमान पर पहुंच गयी हैं. खासकर जावा (अड़हुल) फूल, जिसकी मांग कालीपूजा के दौरान सबसे अधिक होती है, इस बार उसकी कीमत 1200 रुपये प्रति हजार तक पहुंच गयी है, जबकि सामान्य दिनों में यह महज 100 रुपये प्रति हजार बिकता है. फूलों की इस महंगाई के पीछे दक्षिण बंगाल में लगातार हुई भारी बारिश एक प्रमुख कारण बतायी जा रही है. पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा, उत्तर और दक्षिण 24 परगना जैसे प्रमुख फूल उत्पादक जिलों में भारी बारिश और कम दबाव के चलते पंखुड़ी वाले फूलों की खेती को बड़ा नुकसान हुआ है. कई फूलों की फसल हुई बर्बाद : सबसे ज्यादा नुकसान दोपाटी, गेंदा, अपराजिता और रजनीगंधा जैसे फूलों को हुआ है. मौसम की मार के कारण बार-बार फसल खराब होने से फूलों की आपूर्ति घट गयी है और मांग के मुकाबले आपूर्ति कम होने से कीमतें बेतहाशा बढ़ गयी हैं. इससे फूल व्यापारी भी चिंतित हैं.फूल व्यापारियों ने जतायी चिंता
सारा बांग्ला फूल चासी व फूल व्यवसायी समिति के महासचिव नारायण चंद्र नायक ने कहा : कालीपूजा के दौरान पूरे राज्य में जावा, कमल और अन्य फूलों की भारी मांग होती है. लेकिन बारिश के कारण आपूर्ति बहुत कम हुई है, इसलिए कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गयी हैं. इस वर्ष कालीपूजा और दिवाली पर फूलों से सजावट करना आम लोगों की जेब पर भारी पड़ सकता है.फूल बाजारों में कीमतें बेकाबू
रविवार को कोलकाता के मल्लिकघाट और पूर्व मेदिनीपुर के कोलाघाट जैसे प्रमुख फूल बाजारों में फूलों की कीमतें सामान्य से कई गुना अधिक देखी गयीं :लाल गेंदा (खुदरा) : 180-200 रुपये प्रति किलोपीला गेंदा (खुदरा) : 200-220 रुपये प्रति किलोतीन फीट की माला (गेंदा/लाल फूल) : “40-45रजनीगंधा : 700-800 रुपये प्रति किलोकमल का फूल : 20-25 रुपये प्रति नगजावा फूल : 1200 रुपये प्रति हजार
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