खुशखबरी. राज्य सरकार के लाखों कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत
राज्य के 10 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी होंगे लाभान्वित
बकाया भुगतान पर राज्य सरकार को खर्च करने होंगे 10,250 करोड़
संवाददाता, कोलकातासुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा आदेश देते हुए राज्य सरकार के कर्मचारियों के बकाया महंगाई भत्ते (डीए) का 25 प्रतिशत तीन महीने के भीतर भुगतान करने का निर्देश दिया है. इस फैसले से राज्य सरकार के कार्यरत और सेवानिवृत्त 10 लाख से अधिक कर्मचारी लाभान्वित होंगे. राज्य सरकार को यह भुगतान करने के लिए लगभग 10,250 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने यह फैसला सुनाया. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 50 प्रतिशत बकाया राशि का भुगतान करने का आदेश दिया था. राज्य सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत को बताया कि वर्तमान में 50 प्रतिशत बकाया डीए का भुगतान करना संभव नहीं है, क्योंकि इससे राज्य सरकार पर 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय बोझ आयेगा और योजनाओं के संचालन में दिक्कतें होंगी. इसके बाद अदालत ने कम से कम 25 प्रतिशत भुगतान का आदेश दिया और शेष बकाया डीए पर अगली सुनवाई अगस्त में तय की है.2022 में हाइकोर्ट ने बकाया डीए का भुगतान करने का दिया था आदेश
गौरतलब रहे कि बंगाल के सरकारी कर्मचारी लंबे समय से महंगाई भत्ते की मांग कर रहे हैं. 2022 में कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को केंद्र की तर्ज पर महंगाई भत्ता देने का आदेश दिया था. बंगाल सरकार ने नवंबर 2022 में इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और तब से मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लंबित थी. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने कहा कि वह केंद्र सरकार के जितना महंगाई भत्ता नहीं दे सकती है. इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार ने नवंबर 2022 में अपील दायर करते हुए इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की 17वीं सुनवाई थी.केंद्र व राज्य कर्मचारियों के डीए में अब भी 37% का अंतर
वर्तमान में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 55 प्रतिशत डीए मिल रहा है, जबकि बंगाल सरकार ने हाल ही में एक अप्रैल 2025 को इसे 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत किया है. इस प्रकार, केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के डीए में अभी भी 37 प्रतिशत का अंतर है. महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बढ़ती महंगाई से राहत दिलाने के लिए दिया जाता है और इसकी गणना मूल वेतन के प्रतिशत के रूप में होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

