कोलकाता.
चुनाव आयोग राज्य के करीब 94,000 मतदान केंद्रों का सर्वेक्षण कराने जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदाताओं की सुविधा के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा उपलब्ध है या नहीं. इसके लिए राज्य सरकार की एजेंसी ‘द मैकिंटोश बर्न लिमिटेड’ को जिम्मेदारी दी गयी है. एजेंसी करेगी बूथ-दर-बूथ निरीक्षणएजेंसी के प्रतिनिधि हर बूथ पर जाकर वहां की स्थिति का जमीनी निरीक्षण करेंगे और अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंपेंगे. चुनाव आयोग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि प्रत्येक बूथ में मेज, कुर्सी, बेंच, बिजली कनेक्शन, पर्याप्त पेयजल और रैंप जैसी सुविधाएं होनी चाहिए. मतदान केंद्र पहली मंजिल पर नहीं बल्कि भूतल पर होना चाहिए ताकि दिव्यांग, गर्भवती और बुजुर्ग मतदाताओं को असुविधा न हो.
कई बूथों में अधूरा इंफ्रास्ट्रक्चरआयोग के प्रारंभिक अवलोकन में सामने आया है कि राज्य के कई मतदान केंद्रों में ये सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. कहीं कमरे जर्जर हालत में हैं तो कहीं बिजली कनेक्शन तक नहीं है. नतीजतन, मतदान के दिन मतदाताओं को परेशानी होती है.
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने इस मुद्दे पर 29 अगस्त को सर्वदलीय बैठक बुलायी है. आयोग सूत्रों के अनुसार, बैठक के बाद ही बूथ सर्वेक्षण का काम शुरू किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

