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धर्मतला में आइएसएफ के प्रदर्शन के दौरान भारी हंगामा

मध्य कोलकाता के धर्मतला में सोमवार को इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) के प्रदर्शन के दौरान जमकर हंगामा हुआ.

आइएसएफ कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प, विधायक नौशाद सिद्दीकी भी हुए घायल ‘एसआइआर’, नये वक्फ कानून और प्रवासियों के ‘उत्पीड़न’ के खिलाफ किया गया प्रदर्शन संवाददाता, कोलकाता मध्य कोलकाता के धर्मतला में सोमवार को इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) के प्रदर्शन के दौरान जमकर हंगामा हुआ. पार्टी ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण, नये वक्फ कानून और भाजपा शासित कई राज्यों में पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों के कथित उत्पीड़न के विरोध में प्रदर्शन का एलान किया था. इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई हो गयी. धरने का नेतृत्व कर रहे आइएसएफ के विधायक नौशाद सिद्दीकी को कथित तौर पर एक पुलिसकर्मी ने घूंसा मार दिया. इस घटना में विधायक जमीन पर गिर पड़े और घायल हो गये. बताया गया है कि घटना से आक्रोशित समर्थकों ने विरोध जताते हुए पुलिस से धक्का-मुक्की शुरू कर दी. मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया और स्थिति संभालने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा. बिना अनुमति धरना देने और मार्च निकालने के आरोप में पुलिस ने विधायक नौशाद सिद्दीकी सहित 15 आइएसएफ समर्थकों को हिरासत में भी ले लिया. वहीं, इस संबंध में कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शहर की पुलिस ने आइएसएफ के एकमात्र विधायक नौशाद सिद्दीकी और कई अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया तथा प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए ‘न्यूनतम बल’ का प्रयोग किया. उन्होंने बताया कि नौशाद सिद्दीकी के नेतृत्व में सैकड़ों आइएसएफ कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय ध्वज लेकर मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड क्षेत्र में वाई चैनल पर प्रदर्शन किया, वाहनों की आवाजाही बाधित की और पुलिस के साथ हाथापाई की. आइएसएफ विधायक ने कहा कि हम वक्फ (संशोधन) अधिनियम, पश्चिम बंगाल के बांग्ला भाषी प्रवासियों के निरंतर उत्पीड़न और एसआइआर के माध्यम से निर्वाचन आयोग द्वारा भारतीय नागरिकों के नाम हटाने की साजिश के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हमने विरोध प्रदर्शन करने के लिए पूर्व अनुमति मांगी थी. लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का प्रशासन हमें थोड़े समय के लिए विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देकर अपना दोहरा चेहरा दिखा रहा है. घटना के संबंध में घायल विधायक ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने का हमारा अधिकार छीना जा रहा है. एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि पर सड़क पर इस तरह हमला करना बेहद शर्मनाक है. आइएसएफ ने घटना की कड़ी निंदा की है और प्रशासन से पुलिस की कार्रवाई पर जवाब मांगा है. उधर, विपक्षी दलों ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताते हुए राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़ विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सिद्दीकी थाने ले जाये जाने से पहले पत्रकारों से बात कर रहे थे. कोलकाता पुलिस उपायुक्त (मध्य) इंदिरा मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि व्यस्त मार्ग पर यातायात की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए हमें आइएसएफ द्वारा लगाये गये अवरोध को हटाने के वास्ते न्यूनतम बल प्रयोग करना पड़ा. उन्होंने कहा कि किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है. प्रदर्शन के कारण क्षेत्र में लगभग एक घंटे तक वाहनों की आवाजाही बाधित रही, जिसके बाद स्थिति सामान्य हो सकी.

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