सागरद्वीप में कटाव के चलते कपिल मुनि आश्रम से समुद्र मात्र 400 मीटर दूर
शिव कुमार राउत, कोलकातामकर संक्रांति के अवसर पर हर साल दक्षिण 24 परगना जिले में गंगा और सागर के मिलन स्थल पर स्थित कपिल मुनि आश्रम को केंद्र कर गंगा सागर मेला लगता है. लाखों की संख्या में लोग यहां आस्था की डुबकी लगाने पहुंचते हैं. पर, अब पौराणिक महत्व के कपिल मुनि आश्रम का अस्तित्व खतरे में हैं. समुद्र के बढ़ते जलस्तर के कारण यह स्थिति पैदा हुई है. भूमि कटाव के कारण वर्तमान में कपिल मुनि आश्रम से समुद्र तट की दूरी मात्र 400 मीटर रह गयी है. एक अधिकारी ने कहा कि स्थायी समाधान के लिए केंद्र से मदद की जरूरत है.गौरतलब है कि इस वर्ष मॉनसून की शुरुआत से ही समुद्र का जलस्तर कई बार असामान्य रूप से बढ़ा है. जिससे तटबंध टूट गये हैं और रोड संख्या दो पर कटाव चिंता का एक प्रमुख कारण रहा है. लहरों के समुद्र तट से टकराने से पहले ही उनकी तीव्रता को कम करने के लिए स्पीड ब्रेकर के तौर पर लकड़ी के बल्लों का इस्तेमाल किया जाता है. पिछले वर्ष घाट की ओर जाने वाले रोड संख्या 5 और 6 पर कटाव से निपटने के लिए बल्ले लगाये गये थे और परिणाम उत्साहजनक रहे.
क्या कहते हैं मंत्री :
सुंदरबन मामलों के मंत्री बंकिम चंद्र हाजरा ने कहा: उन्होंने सिंचाई एवं जलमार्ग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीष जैन को पूरे मामले की जानकारी दी है. मैंने गंगासागर मेले के सुचारू संचालन के लिए सड़क संख्या दो को क्षतिग्रस्त होने से बचाने पर जोर दिया है. मंत्री ने बताया कि वर्तमान में कपिल मुनि मंदिर से समुद्र लगभग 400 मीटर दूर है. सरकार ने कटाव को रोकने के लिए बल्ले लगाने का निर्णय लिया है. हालांकि, हमें यकीन नहीं है कि यह स्थायी समाधान होगा. वहीं, सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बल्ले लगाने में यूकेलिप्टस के तने का इस्तेमाल किया जा रहा है. लहरों के टकराव को कम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है. इससे लहरें अपनी वास्तविक शक्ति के साथ तट पर नहीं टकरा पातीं और इस प्रकार कटाव से बचाव होता है. इससे तट पर मिट्टी भी जमा होती रहती है, जिसके कारण कटाव रुक जाता है. अधिकारी ने बताया कि विभाग ने पिछले साल गंगासागर मेला से पहले रोड संख्या 2 के पास 400 मीटर लंबे कंक्रीट ब्लॉक लगाया है, जिसे टेट्रापॉड कहा जाता है, ताकि जब लहरें इन ढांचों से टकराएं तो पानी को रोका जा सके. टेट्रापॉड ने तपोबन और बंकिमनगर तट क्षेत्र में अच्छे परिणाम दिये हैं. हालांकि, कपिल मुनि मंदिर के पास टेट्रापॉड अप्रभावी साबित हुआ है और कटाव जारी है. ऐसे में हमें स्थायी समाधान के लिए केंद्र से मदद की जरूरत है.क्या है समस्याकहा जा रहा है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाये गये, तो कपिल मुनि आश्रम को सागर लील सकता है. गंगासागर में लगातार जल स्तर बढ़ रहा है. जिससे समुद्र तट का कटाव लगातार हो रहा है. गंगासागर में कपिल मुनि आश्रम के पास स्थित दो नंबर रोड कटाव के कारण बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. जिससे लेकर सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है. तीन महीने बाद ही अगले साल जनवरी में यहां गंगा सागर मेला लगेगा. कपिल मुनी आश्रम से समुद्र तट की ओर जाने वाले रोड नंबर दो को बचाने के लिए राज्य के सिंचाई एवं जलमार्ग विभाग की ओर से लकड़ी के मोटे-मोटे बल्ले लगाये गये हैं.
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