स्वास्थ्य विभाग चिंतित. मानक गुणवत्ता परीक्षणों में पास नहीं हो रहीं कई दवाएं
संवाददाता, कोलकातादेश में आमतौर पर इस्तेमाल होनेवाली करीब 52 दवाओं को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा जनवरी में की गयी समीक्षा के दौरान मानक गुणवत्ता (एनएसक्यू) के अनुरूप नहीं पाया गया है. 93 प्रकार की दवाएं कई राज्य सरकारों के औषधि नियंत्रण प्राधिकरणों द्वारा गुणवत्ता परीक्षण में फेल हुई हैं. इस पर राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से चिंता व्यक्त की गयी है. ऐसे में गुरुवार को राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक ऑर्डर जारी किया गया है.जारी आदेश में कहा गया है कि विभाग के लिए यह चिंता का विषय है कि कई दवाएं मानक गुणवत्ता परीक्षणों में पास नहीं हो पा रही हैं. सीडीएससीओ नियमित रूप से जांच के बाद यह स्थिति बनी हुई है. ऐसे में पश्चिम बंगाल के औषधि नियंत्रण निदेशालय के अधिकारी राज्यभर के विभिन्न दुकानों पर आकस्मिक निरीक्षण करेंगे, ताकि प्रचलन में मौजूद किसी भी एनएसक्यू बैच की पहचान की जा सके और ऐसा पाये जाने पर लाइसेंस धारी दवा विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
बिना जांच के ही खरीदी जा रही करोड़ों की दवाएं :
उधर, सर्विस डॉक्टर फोरम के महासचिव डॉ सजल विश्वास ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग दवा कंपनियों से मिलीभगत करके दवाओं की गुणवत्ता की जांच किए बिना ही करोड़ों रुपये की दवाएं खरीद रहा है, और उन दवाओं को राज्य के अस्पतालों में आपूर्ति की जा रही है. लोगों को बिना जाने ही उन जहरीली दवाओं को लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है.दवाओं की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए विभाग की ओर से जारी निर्देश
पश्चिम बंगाल का औषधि नियंत्रण निदेशालय, सीडीएससीओ द्वारा जारी अधिसूचना को केंद्रीय खरीद प्रणाली, विभिन्न सरकारी अस्पताल, थोक वितरकों और औषधि निरीक्षकों को प्रसारित करेगा, ताकि पता लगाया जा सके कि एनएसक्यू बैच प्रचलन में हैं या नहीं. अगर गड़बड़ी हो तो तुरंत दवा को वापस भी लेना होगा.केंद्रीय मेडिकल स्टोर को ऐसे एनएसक्यू बैचों को तुरंत प्रचलन से वापस लेना को कहा गया है .
दवा में गुणवत्ता से संबंध में गड़बड़ी पाये जाने पर केंद्रीय मेडिकल स्टोर को तुरंत जिला, ब्लॉक सहित सभी सरकारी अस्पतालों से प्रमुखों से संपर्क करने को कहा गया है .किसी प्रकार की गड़बड़ी पाये जाने प राज्य औषधि नियंत्रण प्राधिकरण थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं से किसी भी एनएसक्यू बैच की बिक्री/उपयोग को तुरंत रोकने को कहा गया है.
राज्य के ड्रग कंट्रोल ऑथोरिटी को यह निर्देश दिया गया है कि दवा बनाने वाली कंपनी पश्चिम बंगाल से हो तो कानून के तहत कार्रवाई किया जाये. आदेश की कॉपी में कुल 12 तरह के निर्देश दिये गये हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है